
gandhian studies course
अजमेर.
महात्मा गांधी के 150 वीं साद्र्धशती वर्ष में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) नई शुरूआत करेगा। सत्र 2019-20 से विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध कॉलेज में गांधीयन स्टडीज कोर्स (gandhian studies course) प्रारंभ होगा। विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी विषय की तरह इसमें पास होना जरूरी होगा। गांधीयन स्टडीज पर अनिवार्य कोर्स प्रारंभ करने वाली प्रदेश की यह पहली यूनिवर्सिटी होगी।
होगा अनिवार्य पेपर
गांधीयन स्टडीज पाठ्यक्रम (mahatma gandhi) हिंदी और अंग्रेजी विषय की तरह अनिवार्य (compulsory) होगा। विद्यार्थियों को तृतीय वर्ष तक हिंदी और अंग्रेजी की तरह गांधीयन स्टडीज कोर्स में पास होना जरूर होगा। विश्वविद्यालय एकेडेमिक कौंसिल (acadmic coouncil) की बैठक में कोर्स का प्रस्ताव रखेगा। इसका कोर्स तैयार कराने की जिम्मेदारी सामाजिक विज्ञान (social science) संकाय के डीन को सौंपी गई है।
अभी नहीं है गांधीजी पर पृथक कोर्स
विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर (PG Level)पर महात्मा गांधी पर आधारित कोई पृथक कोर्स नहीं है। दर्शनशास्त्र विषय में पाठ के रूप में जरूर यह पढ़ाया जात है। जबकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नेट-जेआरएफ में गांधीयन एंड पीस स्टडीज विषय का पेपर होता है। यह देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों-कॉलेज में संचालित है।
अंकतालिका में जुड़ेंगे या नहीं नंबर...
अंकतालिकाओं में सिर्फ ऐच्छिक (optional subjects) विषयों के नंबर ही जोड़े जाते हैं। हिन्दी अथवा अंग्रेजी को पास करने के बावजूद विद्यार्थियों के अंक नहीं जुड़ते हैं। गांधीयन स्टडीज के नंबर जुड़ेंगे या नहीं इसको लेकर विश्वविद्यालय को एकेडेमिक कौंसिल में विचार करना जरूरी होगा।
फैक्ट फाइल
मदस विश्वविद्यालय की स्थापना-1987
सम्बद्ध कॉलेज-275
कॉलेज में पंजीकृत विद्यार्थी: 3.50 लाख
कैंपस में अध्ययनरत विद्यार्थी: 800
गांधीयन स्टडीज पर कोर्स प्रारंभ होगा। एकेडेमिक कौंसिल में यह प्रस्ताव रखेंगे। हिंदी और अंग्रेजी की तरह इसमें पास होना अनिवार्य होगा।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय
Published on:
03 Oct 2019 08:58 am
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