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भूमि से अधिक बना दिया गांवों का ‘मास्टर प्लान’

locationअजमेरPublished: Jul 06, 2020 09:44:30 pm

Submitted by:

bhupendra singh

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा में सामने आए तथ्यसंभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर व जिला परिषद सीईओ को निर्देश जारीगांवों के सुनियोजित विकास के बनाया जाना है मास्टर प्लानविलेज मास्टर प्लान वर्ष 2019-2050

Bilara News : Village master plan will be made for six villages

बिलाड़ा क्षेत्र के छह गांवों का बनेगा विलेज मास्टर प्लान

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. प्रदेश के गावों village के सुनियोजित विकास के लिए ‘विलेज मास्टर प्लान’ Master plan तैयार करने में राजस्व कार्मिकों ने दिमाग ही नहीं लगाया। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा में यह सामने आया कि कि गांव में जितनी भूमि land उपलब्ध है उससे अधिक भूमि की योजना तैयार की गई है। जबकि किसी भी स्थिति में आवंटन योग्य भूमि से अधिक का प्लान नहीं बनाया जा सकता है। स्कूलों व अस्पतालों के लिए मनमर्जी से जमीन का आवंटन कर दिया गया। विभाग के अनुसार जिलों में प्रत्येक गांव का मास्टर प्लान बनाया जा चुका है। एमआईएस में दर्ज सूचनाएं तर्कसंगत नहीं है। विभाग ने सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलक्टर तथा जिला परिषद सीईओ ceo को निर्देश दिए हैं कि विलेज मास्टर प्लान बनाने के लिए सबसे पहले कुल आवंटन योग्य भूमि की जानकारी हासिल की जाए। प्रस्तावित सुविधाओं की प्राथमिकता ग्राम पंचायत तय करे। प्रस्तावित सुविधाओं के लिए राजस्व विभाग के निर्धारित मानदंडों के अनुसार अपेक्षित भूमि की गणना की जाए।
मौके पर निरीक्षण,ग्राम सभा में अनुमोदन
संस्थाओं/ सुविधाओं की प्राथमिकता तय करने के बाद उनके लिए प्रस्तावित भूमि का मौके पर वास्तविक रूप से निरीक्षण किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि सम्बन्धित विभाग से सम्बद्ध सुविधा की मूलभूत आवश्यकतांए उक्त भूमि के आवंटन से पूर्ण जो जाए। मास्टर प्लान तैयार कर उसका अनुमोदन ग्रामसभा में किया जाए। अनुमोदन के बाद सम्बन्धित भूमि आवंटन प्रस्तावों को राजस्व अधिकारियों के सहयोग से अभियान चला कर आवंटन किया जाए।
इसलिए जरूरी है गांव का मास्टर प्लान
गांवो के सुनियोजित विकास के लिए विलेज मास्टर प्लान वर्ष 2019-2050 तैयार किया जाना है। जिसमें भविष्य के लिए क्षेत्र की शिक्षा,स्वास्थ्य,आबादी विस्तार, खेल सुविधाएं,पार्क, सरकारी भवनों,सडक़ एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आंकलन करने कर भूमि का चिन्हिकरण किया जा सके। विलेज मास्टर प्लान की घोषणा मुख्यंमत्री बजट में कर चुके है। इसके अनुसार 2050 तक की संभावित आवश्यकता को देखते हुए विलेज मास्टर प्लान बनाए जाने की कार्रवाई पंचायतराज संस्थाओं द्वारा की जाएगी।
यह देनी होगी जानकरी
पंचायत को या सार्वजनिक उपयोग की सम्बन्धित संस्थाओं को आवंटित भूमियों की जानकारी ग्राम पंचायत को उपलब्ध करानी होगी। भूमियों का सीमाज्ञान करवाना होगा। ग्राम के पास राजकीय भूमि की जानकारी (कुल क्षेत्रफल,भूमि की किस्म एवं अन्य विवरण) पंचायत को देना होगा। ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित विलेज मास्टर प्लान में प्रस्तावित भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन पर पाबंदी होने की स्थिति के बारे में पूर्व से ही ग्राम पंचायत को जानकारी देनी होगी।
उपखंड अधिकारियों को दिए निर्देश
जिला कलक्टर ने जिले के समस्त उपखंड अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है उसमें संशोधन की आवश्यकता है। ग्राम पंचायत की पाक्षिक बैठक में हल्का पटवारी को वांछित रिकॉर्ड एवं सूचनाओं सहित उपस्थित होने के लिए पाबंद कर सूचना निर्धारित प्रपत्र में भेजें।
न प्रशिक्षण और न नियम
वहीं पटवारियों व ग्राम सेवकों का कहना है कि मास्टर प्लान तैयार करने के लिए न तो कोई प्रशिक्षण दिया गया और न ही नियम ही बनाए गए।
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