भवन बड़े, विद्यार्थी आठ भी नहीं..
कुलपति ने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों (students admission) की कम संख्या पर अफसोस जताते हुए कहा कि परिसर में कई विभागों के भवन विशालकाय हैं, लेकिन उनमें आठ विद्यार्थी भी नहीं पढ़ रहे हैं। एक विभाग प्रभारी ने पद (head of the department) से हटाने और कोर्स बंद करने की बात भी कही थी, लेकिन उन्हें साफ इन्कार कर दिया था।
कुलपति ने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों (students admission) की कम संख्या पर अफसोस जताते हुए कहा कि परिसर में कई विभागों के भवन विशालकाय हैं, लेकिन उनमें आठ विद्यार्थी भी नहीं पढ़ रहे हैं। एक विभाग प्रभारी ने पद (head of the department) से हटाने और कोर्स बंद करने की बात भी कही थी, लेकिन उन्हें साफ इन्कार कर दिया था।
बेवजह हुई परीक्षा-रिजस्ट में देरी 1 साल 2019 की परीक्षाओं और परिणाम (results and exams) निकालने में देरी हुई। लोकसभा चुनाव का तर्क दिया गया, जबकि परीक्षाएं बिना व्यवधान कराई जा सकती थीं। वे इन तथ्यों से वाकिफ हैं। अब यह सिलसिला नहीं चलेगा। साल 2020 की परीक्षा फार्म (exam forms) भरवाने, परीक्षाओं के आयोजन और परिणाम जारी (result declaration) करने का निर्धारित कलैंडर (calendor) बनेगा। इसके लिए परीक्षा विभाग को एक सप्ताह का समय दिया गया है। प्रशासनिक विभागों से पिछले 11 महीने के कामकाज का ब्यौरा मांगा गया है।
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प्रो. सिंह ने कहा कि सरकार से वर्गवार आरक्षण संबंधित बातचीत के बाद शैक्षिक पदों पर भर्तियां होंगी। लेकिन गेस्ट फेकल्टी (guest faculty) को नकारा नहीं जा सकता। कुछ विभागों में गेस्ट फेकल्टी ‘शिक्षकों ’ से ज्यादा कामकाज कर रहे हैं। किसी विभाग में विभागाध्यक्ष-शिक्षक (teching staff) नहीं है, तो हम उन्हें भी जिम्मेदारी सौंपेंगे। प्रशासनिक स्तर (administration) पर हुई कुछ वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी कराई जाएगी।
प्रो. सिंह ने कहा कि सरकार से वर्गवार आरक्षण संबंधित बातचीत के बाद शैक्षिक पदों पर भर्तियां होंगी। लेकिन गेस्ट फेकल्टी (guest faculty) को नकारा नहीं जा सकता। कुछ विभागों में गेस्ट फेकल्टी ‘शिक्षकों ’ से ज्यादा कामकाज कर रहे हैं। किसी विभाग में विभागाध्यक्ष-शिक्षक (teching staff) नहीं है, तो हम उन्हें भी जिम्मेदारी सौंपेंगे। प्रशासनिक स्तर (administration) पर हुई कुछ वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी कराई जाएगी।
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प्रो. सिंह ने विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल (placemant cell) को सक्रिय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त प्लेसमेंट सेल सिर्फ नाम का है। जबकि परिसर में कैंपस प्लेसमेंट (campus placement), रोजगार मेले, रोजगार संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान होना चाहिए। अब प्लेसमेंट सेल को जल्द स्थापित कर कामकाज शुरू होगा।
प्रो. सिंह ने विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल (placemant cell) को सक्रिय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त प्लेसमेंट सेल सिर्फ नाम का है। जबकि परिसर में कैंपस प्लेसमेंट (campus placement), रोजगार मेले, रोजगार संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान होना चाहिए। अब प्लेसमेंट सेल को जल्द स्थापित कर कामकाज शुरू होगा।
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