
बेटी काव्या और आरोपी मां अंजलि। फोटो: पत्रिका
कोई सोच भी नहीं सकता कि क्या कोई मां इतना निष्ठुर हो सकती है, जितनी अंजली है। यह वही निर्दयी महिला है, जिसने मंगलवार देर रात अपनी मासूम बेटी को अजमेर की आनासागर झील में फेंक दिया। मासूम काव्या को तो तनिक भी अंदाजा नहीं था कि कुछ देर पहले जिसका वो हाथ पकड़ कर घूम रही है वही उससे हमेशा के लिए पीछा छुड़ाना चाहती है।
मौका-ए-हालात बताते हैं कि उसने सब कुछ पहले से ही तय कर रखा था। अपने कलेजे के टुकड़े को हमेशा के लिए अपने से जुदा करने के दौरान वो एक बार भी नहीं झिझकी। शातिर इतनी कि अपने प्रेमी को बेटी की गुमशुदगी की कहानी बताकर मौके पर बुला लिया और तलाशने का बहाना करने लगी।
गश्त के दौरान पुलिस को भी पूछताछ में गुमराह किया। यहां तक की पति को जेल से फोन कर बेटी की सड़क हादसे में बेटी की मौत की बात कही। पुलिस से घटना की जानकारी मिलने पर आरोपी महिला का पति राजू, उसकी मां (काव्या की दादी) जेएलएन अस्पताल पहुंचे तो मासूम को मोर्चरी के स्ट्रेचर पर देख फफक पड़े।
उत्तर प्रदेश के बनारस निवासी राजू कन्नौजिया अपने रिश्तेदारों के साथ अजमेर आया। यहां उसने अपनी साढ़े तीन साल की बेटी काव्या सिंह उर्फ आरू को मोर्चरी में स्ट्रेचर पर लेटा देखा तो खुद को रोक नहीं सका। वह अपनी बेटी के सिर पर हाथ रखकर आवाज देता रहा 'उठ जा आरू…उठ जा…'। पिता और दादी की आंखों से अश्रु धारा बहते नहीं थमी।
पत्रिका से बातचीत में राजू ने बताया कि उसे जब अंजली ने कॉल करके आरू के एक्सीडेंट में मरने की सूचना दी, तब उसको उनके अजमेर में होने का पता चला, लेकिन जब पुलिस ने संपर्क किया तो वास्तविकता सामने आई। काश उसको अंजली कॉल करके कह देती तो वह अपनी बेटी को ले जाता। उसने तो उसको पहले भी अपने संरक्षण में लेना चाहा, लेकिन यूपी पुलिस व कानूनी दांव पेंच के चलते वह अपने मन को समझाकर रह गया।
राजू कन्नौजिया ने बताया कि अंजली सिंह उर्फ प्रिया से उसने प्रेम विवाह किया। शादी के कुछ साल तक सब कुछ ठीक चला, लेकिन उसके बाद मकान मालिक के बेटे अल्केश गुप्ता के साथ उसने अवैध रिश्ते बना लिए। अल्केश के साथ अंजली चार मर्तबा घर छोड़कर जा चुकी थी, लेकिन हर बार माफी मांगने व सुधरने की बात कहकर घर लौट आई।
उसने अल्केश से पीछा छुड़ाने के लिए ना केवल घर बल्कि मोहल्ला भी बदल दिया। अल्केश उसकी गैरमौजूदगी में उसके दूसरे घर तक भी पहुंच गया। वह उसको हर बार मौका देता रहा। आखिर में उसे छोड़कर दूसरी जगह रहने लगा। कुछ माह पूर्व अंजली ने उसे कॉल कर कहा कि वह कुछ लिए दिन बहन के पास जा रही है, लेकिन वह अल्केश के साथ अजमेर आ गई।
राजू की बुआ सोनी व फूफा योगेन्द्र ने बताया कि अंजली की कहानी पूरे गांव, शहर में फैल चुकी है। हर कोई नफरत की नजर से देख रहा है। उसने मां के रिश्ते को कलंकित कर दिया। पुलिस अभिरक्षा में भी अंजली को सोनी बुआ से जमानत की उम्मीद है। फूफा योगेन्द्र का कहना है कि अंजली को काव्या को नहीं मारना था। वह उसके पास बनारस में छोड़ देती। वह अपनी बेटियों के साथ उसका भी लालन-पालन कर लेता।
राजू ने बताया कि वह अजमेर आया तो अंजली ने उसको जेल से कॉल किया। अंजली ने कहा कि उससे गलती हो गई। अब वही है जो उसको बचा सकता है। हालांकि राजू का कहना है कि वह अपनी तीन साल की मासूम बेटी को न्याय दिलाते हुए उसको कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएगा। राजू और उसके रिश्तेदार पोस्टमार्टम के बाद काव्या का शव लेकर बनारस रवाना हो गए।
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इधर क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने अंजली सिंह उर्फ प्रिया को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए। मेडिकल करवाने और जेल भेजने के दौरान अंजली के चेहरे पर तीन साल की मासूम बेटी की हत्या करने का ना तो पछतावा था ना ही शिकन नजर आई।
बालिका के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है। शव उसके पिता को सौंपा गया। हत्या की आरोपी अंजली को कोर्ट में पेश किया जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। प्रकरण में अनुसंधान पूर्ण कर जल्द चालान पेश किया जाएगा।
अरविन्द सिंह चारण, थानाप्रभारी क्रिश्चियन गंज
Updated on:
20 Sept 2025 06:47 pm
Published on:
20 Sept 2025 06:38 pm
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