
National Girl's Day Special : म्हारी छोरी... छोरों ते कम है कै.....
प्रीती भट्ट
अजमेर . आज हर क्षेत्र में बेटियां अपना,परिवार तथा अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं। लडक़ों के कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं। बेटियों को वास्तव में किसी से कमतर नहीं आंका जा सकता। इंसान यदि ठान ले तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। अजमेर की बेटी जो दिखने में तो पतली- दुबली छोटी सी थी परंतु उसके हौसले बुलंद थे और लक्ष्य पक्का था और लक्ष्य था कि बॉडी बिल्डिंग (Body building) में नाम कमाना और दुनिया का सामना करने के लिए खुद को स्ट्रांग बनाना था और विधि शर्मा ने यह कर दिखाया अपने शरीर सौष्ठव का प्रदर्शन कर पहले अजमेर और फिर मिस राजस्थान(Miss Rajasthan ) का खिताब और गोल्ड मेडल (Gold medal) अपने नाम किया।
स्टेट और नेशनल लेवल प्रतिस्पर्धा में लिया भाग ,जीते खिताब
-इंटर बॉडी बिल्डिंग फिटनेस एसोसिएशन की ओर से अजमेर में आयोजित ओपन राजस्थान बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में राजस्थान फिजिक्स का खिताब जीता।
-जोधपुर में आयोजित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ओपन इंडिया बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में फीमेल फिजिक्स में गोल्ड मेडल जीता और अजमेर का नाम रोशन किया।
-हाल ही में जोधपुर में आयोजित राजस्थान बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता वुमन कैटेगरी में प्रथम स्थान प्राप्त किया और गोल्ड जीतकर विधि शर्मा बनी सीनियर मिस राजस्थान 2020 ।
मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए
जब विधि ने बॉडी बिल्डिंग शुरू की तो कई लोगों ने सोचा कि ये काम लड़कियों के बस का नहीं है। परन्तु विधि ने लोगों की परवाह किए बगैर सिर्फ अपनी प्रेक्टिस पर ही ध्यान दिया। घंटों पसीना बहाकर मेहनत करती रही । उनकी इस लगन और जज्बे से प्रभावित कोच ने भी उनका हौंसला बढ़ाया और और पूरे मन से सिखाने में जुट गए।
बनाना था स्वयं को स्ट्रॉन्ग
बचपन में ही पिता का देहांत हो जाने के कारण मां और अपनी छोटी बहन के साथ विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए स्वयं को स्ट्रॉन्ग बनाना था और साथ ही कुछ अलग करने की चाह में जिम जॉइन किया और अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया। हालांकि शुरू में कुछ मुश्किल था परन्तु हौंसले बुलंद थे।
कोच रहे प्रेरणा स्रोत
विधि शर्मा का कहना है कि जिम जॉइन करने के बाद मेरे कोच ही मेरे प्रेरणा स्रोत रहे और मैं आभारी हूं कि उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया अच्छी ट्रेनिंग दी व सपोर्ट किया। हमेशा साथ खड़े रहे। उनके सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंचना संभव नहीं था।
अपनी मेहनत और लगन के बूते पर किया मुकाम हासिल
विधि के कोच जय सिंह रावत ने बताया कि रोजाना 3 से 4 घंटे अपनी ही मेहनत के बलबूते पर अजमेर को गोल्ड मेडल व खिताब जिताकर विधि ने अजमेर का नाम रोशन किया है। और आगे भी करेगी।
Published on:
24 Jan 2020 12:25 pm
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