अजमेर. पुष्कर में श्रद्धालुओं (pilgrims) का सैलाब उमड़ पड़ा। शुक्रवार तडक़े ही कार्तिक एकादशी (kartik ekadashi) का स्नान शुरू हो गया। पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। घाट के किनारे विशेष पूजा-अर्चना (worship), दान-पुण्य का दौर भी शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने स्नान (holy dip) के बाद प्रजापिता ब्रह्मा (lord brahma), पुराने और नए रंगजी सहित विभिन्न मंदिर में दर्शन किए।
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कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब (pigrims in pushkar) उमड़ रहा है। गुरुवार तडक़े 4 बजे ही महिलाएं-पुरुष और पुरोहित पुष्कर सरोवर पहुंच गए। यहां सरोवर (sarovar) में स्नान का दौर शुरू हो गया। लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए सरोवर में डुबकी (holy dip) लगाई। स्नान के बाद सभी 52 घाटों पर पूजा अर्चना का दौर भी शुरू हो गया। पुरोहितों ने लोगों को सरोवर में पूजन कराया।
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ये है स्नान की महत्ता
पुष्कर सरोवर में स्नान की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान (mythology)के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी-देवता (god and godesses) भी पुष्कर सरोवर में स्नान करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य रहता है।
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शुरू होंगी शादियां और शुभ कार्य
देव प्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार से शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों (wedding ceremony)की शुरुआत होगी। चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम होंगे।पारम्परिक मान्यता के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्य (functions), विवाह (wedding) और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की पुन: शुरुआत होती है। इसके तहत शुक्रवार से विवाह एवं शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। इसके अलावा कई लोग एकादशी का व्रत रखेंगे। तुलसी विवाह का आयोजन भी होगा।
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