
पुष्कर के मेला मैदान में पहुंचने लगे ऊंट।
पुष्कर. मेला मैदान स्थित जमीन के मालिकों की ओर से पशुपालकों से मनमाना किराया (Arbitrary rent) वसूला जा रहा है। इसके लेकर शुक्रवार को मेला मजिस्टे्रट देविका तोमर को पशुपालकों ने शिकायत की। अतिरिक्त मेला मजिस्ट्रेट नित्या के. मेला ( Pushkar Mela 2019 ) अधिकारी डॉ. अजय अरोड़ा के समक्ष पशुपालकों (Cattle ranchers) ने आरोप लगाया कि उन्हें मेला मैदान ( mela ground) में पशुओं को खड़ा करने के लिए जगह ही नहीं मिल रही है। आरोप है कि जमीनों के मालिका ऊंचे दामों पर पहले ही जमीनें आरक्षित कर देते हैं। जिला कलक्टर के समक्ष बैठक के दौरान भी यह मसला सामने आया था। पशुपालन विभाग ने जांच कराई तो पशुपालकों से किराया वसूलना प्रमाणित भी हुआ बताते हैं। जिला प्रशासन मेले (pushkar mela) के दौरान पशुपालकों से किराया नहीं वसूलने को लेकर कोई हल निकालने पर विचार कर रहा है। ऐसी जानकारी मिली है।मेला मैदान में शुक्रवार शाम तक कुल 1599 पशुओं की आवक हो चुकी थी। इनमें 1452 राजस्थान से और शेष 147 प्रदेश से बाहर के है। सर्वाधिक1047 ऊंट, 522 अश्व वंश आए हैं।
यह भी पढ़ें : आध्यात्मिक यात्रा मार्ग को लेकर माथापच्ची
पुष्कर मेला : कार्तिक मास की एकादशी को होना ह आयोजन
पुष्कर. कार्तिक मास की पवित्र प्रबोधिनी एकादशी तिथि ८ नवम्बर को प्रात: संत, महंत तथा कई धर्मानुयायियों की उपस्थिति में प्रस्तावित आध्यात्मिक पदयात्रा के मार्ग को लेकर जिला प्रशासन को काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है। यही वजह है कि अभी तक यात्रा मार्ग को लेकर असमंजस है।
यात्रा को लेकर हुई बैठक में गुरुद्वारा के पीछे से परिक्रमा मार्ग,ब्रह्म चौक ब्रह्मा मंदिर से मेला मैदान के मार्ग तक यात्रा निकालने का सुझाव दिया था। लोगों का कहना था कि मेले (inter national pushkar fair 2019) की भीड़ के चलते बाजार से यात्रा निकालने पर परेशानी होगी। बैठक में कुछ लोगों ने बताया था कि इस आध्यात्मिक यात्रा का मकसद मेले में आध्यात्म वातावरण के साथ-साथ संत-महंतों का सम्मान करना भी है। लोगों ने यह यात्रा गुरुद्वारा से नए रंगजी मंदिर, वराह घाट, गऊ घाट से ब्रह्मा मंदिर से मेला मैदान तक निकालने का सुझाव था। मामला जिला कलक्टर पर छोड़ दिया गया था।
परिक्रमा मार्ग पर गत तीन दिनों से सीवरेज का पानी बह रहा है। ऐसे में पूरा रास्ता बदहाल है। है। वैसे पालिका स्तर पर सीवरेज के पानी का बहाव रोक दिया गया है, लेकिन गीली मिट्टी कीचड़ में बदल सकती है। प्रशासन यह यात्रा पुष्कर के मुख्य बाजार से निकालने पर विचार कर रहा है। शुक्रवार को मेला मजिस्ट्रेट देविका तोमर व अतिरिक्त मेला मजिस्ट्रेट नित्या ने यात्रा मार्ग का मौका देखा। बैठक में चर्चा की गई,लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो पाया।
Published on:
02 Nov 2019 12:49 pm
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
