
अरांई. गोठियाना में रोती-बिलखती मृतक सरदार की मां व अन्य परिजन। फोटो पत्रिका
Rajasthan :अजमेर के मदनगंज-किशनगढ़ में तेज गति से आए अनियंत्रित वाहन ने परिवार का एकमात्र सहारा भी छीन लिया। नौसैनिक की सड़क हादसे में मौत के बाद पूरे गांवों में सन्नाटा छा गया। जिस घर में ढोल नगाड़ों की आवाज गूंजनी थी, उसी घर से चीख पुकार सुनाई देने लगी।
नौसैनिक सरदार बैरवा की बारात अरांई तहसील के गोठियाना गांव से किशनगढ़ के पास स्थित जोगियों का नाड़ा गांव आनी थी। मौत की सूचना जैसे ही गांव गोठियाना और जोगियों का नाड़ा गांव पहुंची, पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। जिस घर में ढोल नगाड़ों की आवाज गूंजनी थी, उसी घर से चीख पुकार सुनाई देने लगी।
अरांई तहसील के गोठियाना गांव निवासी एवं भारतीय नौसेना के जवान सरदार बैरवा अपनी शादी के चलते चार-पांच दिनों की छुट्टियों पर आए हुए थे। इनकी वर्तमान में पोस्टिंग चेन्नई में थी।
सरदार बैरवा की दुर्घटना में मौत के बाद जिसने भी सुना उसकी आंखें नम हो गई। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही मां गुलाब देवी बार-बार बेहोश हो रही थी। वहीं बहनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। शव जब गांव लाया गया तो सभी की आंखें नम थीं। सरदार बैरवा न केवल अपने परिवार का सहारा था, बल्कि अपने गांव का गौरव भी था।
सरदार के परिवार में बुजुर्ग मां, दो बहनें और एक भाई हैं। जब सरदार एक वर्ष का था तब उसके पिता की मृत्यु हो गई। मां गुलाब देवी ने मजदूरी कर बच्चों को बड़ा किया। घर की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। गरीबी से जूझते हुए सरदार ने पढ़ाई पूरी कर नौकरी हासिल की और परिवार को सहारा दिया। लेकिन तेज गति से आए अनियंत्रित वाहन ने इस परिवार का यह एकमात्र सहारा भी छीन लिया।
सरदार के मित्र पड़ोसी रामरतन ने बताया कि दुर्घटना से कुछ देर पूर्व ही बड़ी बहन ममता और रेखा ने सरदार को फोन कर कहा था कि जल्दी घर आओ, हल्दी लगानी है। सरदार ने बताया कि वह लाम्बा तक आ गया है तथा जल्द ही घर पहुंचने वाला है।
Published on:
29 Nov 2025 08:24 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
