
Ram Mandir Inauguration : पुष्कर (अजमेर) । पुष्कर के बालू मिट्टी के धोरों में बालू मिट्टी से करीब 25 फीट ऊंची राम मंदिर की कलाकृति दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। गनाहेडा गांव के सेन्ड आर्टिस्ट अजय रावत ने बताया कि इस कलाकृति को करीब 15 दिन में तैयार किया गया है।
सौ टन बालू मिट्टी काम में ली गई
इसे बनाने के लिए करीब सौ टन बालू मिट्टी काम में ली गई। करीब 5 घंटे तक जेसीबी मशीन की सहायता से बालू मिट्टी का ढेर बनाया गया। इसके बाद पानी बालू मिट्टी का सम्मिश्रण करते हुए राम मंदिर की यह कलाकृति बनाई गई।
इधर पुष्कर सरोवर के किनारे ग्वालियर घाट से चन्द्र घाट तक के फर्श पर बुधवार शाम लोककला संस्थान अजमेर के राजस्थानी मांडणा कलाकारों ने 300 फीट लंबा एवं 18 फीट चौड़ा श्रीराम धनुष कोदंड का माण्डणे के रूप में मनोहारी चित्रांकन किया। संस्थान के निदेशक एवं लोक कलाकार संजय कुमार सेठी ने दावा किया कि देश में पहली बार राजस्थानी लोककला द्वारा इतना विशाल श्रीराम का प्रिय कोदंड धनुष बनाया गया है। इसे बनाने के लिए प्राकृतिक रंग गेरू, पांडू एवं पेवडी रंगों का उपयोग किया गया।
संस्थान के प्रजेष्ठ नागोरा व मनोज प्रजापति ने इस धनुष का रेखाचित्र तैयार किया। इसके बाद घाट पर सेठी, प्रजेष्ठ, मनोज, अक्षरा माहेश्वरी, निकिता, गरिमा इंदौरा, दुर्गा गुर्जर, कृतिका शर्मा, प्रकाश नागोरा, अंकुर कुमावत, दीक्षा शर्मा ने 6 घंटे के प्रयास से धनुष का माण्डणा बनाया। शाम को इस श्रीराम धनुष की आरती एवं दीपदान किया गया। कलाकारों को पंडित रविकांत शर्मा ने स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
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श्रीराम के धनुष का नाम
भगवान श्रीराम के धनुष का नाम कोदंड था। कोदंड का मतलब है बांस से बना हुआ। कोदंड धनुष को हर कोई धारण नहीं कर सकता था। इसे तरह- तरह से अभिमंत्रित किया गया था। इसके निर्माण में 20 किलो पांडू, 10 किलो गैरू, 5 किलो पैवडी एवं 10 किलो रंगोली काम में ली गई।
Updated on:
18 Jan 2024 10:49 am
Published on:
18 Jan 2024 10:30 am
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