
रोडवेज बसें खड़ी करने की जगह नहीं, खटारा एसीटीएसएल बसों का जमावड़ा
अजमेर. जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में संचालित की गई 35 एसीटीएसएल बसों के चलते राजस्थान रोडवेज पहले ही 17 करोड़ रुपए का घाटा खा चुका है। अब यह बसें बंद होने के बाद भी रोडवेज पर भारी पड़ रही है। नाकारा हो चुकी ये बसें राजस्थान पथ परिवहन निगम के अजमेर आगार की कार्यशाला में खड़ी हैंं। इससे आगार की नियमित संचालित हो रही बसों को खड़ी करने की जगह कम पड़ रही है। यह बसें अपने संचालन के निर्धारित नॉम्र्स (8 वर्ष की आयु या 6 लाख किमी) पूरा कर चुकी हैं। कई बसें को कबाड़ में तब्दील हो चुकी हैं। खराब स्थिति एवं अत्यधिक व्यय होने के कारण इन वाहनों का संचालन लाभप्रद नहीं है एवं सुरक्षा की दृष्टि से भी सही नहीं है। पूर्व में इन बसों का संचालन नसीराबाद, अजमेर से मांगलियावास, अजमेर से किशनगढ़, अजमेर से पुष्कर एवं अजमेर सहित अन्य मार्गों पर होता था।
नीलामी से हो निस्तारण
रोडवेज के अजमेर आगार के मुख्य प्रबन्धक ने जिला कलक्टर एवं प्रबन्ध निदेशक अजमेर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड को पत्र लिख कर नाकारा हो चुकी इन बसों के नीलामी के जरिए निस्तारण की मांग की है। इससे कार्यशाला में रोडवेज बसों की पार्र्किंग के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सकेगी। यदि नीलामी नहीं हो सके तो इन बसों को नगर निगम को सुपुर्द किया जाए जिससे इन बसों को नगर निगम अन्यत्र खड़ा करे। रोडवेज को इन बसों के संचालन से 17 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। यह राशि लेने के लिए रोडवेज लम्बे समय से कलक्टर, नगर निगम व एडीए को पत्र लिख रहा है लेकिन यह राशि नहीं मिली।
रोडवेज एमडी ने जताई नाराजगी
राजस्थान पथ परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक ने हाल ही अजमेर आगार की कार्यालया का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने खटारा रोडवेज बसों को लेकर नाराजगी जताते हुए इनके निस्तारण के निर्देश दिए थे।
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नई कम्पनी का हो चुका है गठन
पूर्व में अजमेर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के तहत इन बसों का संचालन रोडवेज कर रहा था जबकि बसों के संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम की थी। अब कम्पनी का बाइंड अप करके अजमेर-पुष्कर सिटी ट्रांसपोर्ट कम्पनी का गठन किया जा चुका है। अब नगर निगम इसके तहत मिडी बसों का संचालन कर रहे हैं।
Published on:
16 Jan 2020 01:59 pm
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