अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (rajasthan public service commission) के तत्वावधान में प्राध्यापक (school lecturer) प्रतियोगी परीक्षा (स्कूल शिक्षा) 2018 के ऑनलाइन आवेदन भरने जारी हैं।
सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग (MBC) को पांच प्रतिशत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दस प्रतिशत और विशेष योग्यजन को चार प्रतिशत आरक्षण (reservation) लागू किया है। लिहाजा अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए 12 अक्टूबर तक आवेदन (online form) कर सकेंगे।इन भर्तियों के भर चुके फार्मआयोग ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) में उपाचार्य/अधीक्षक भर्ती के 86 पद और समूह अनुदेशक/सर्वेयर-सहायक शिक्षुता सलाहकार (ग्रुप द्वितीय) भर्ती 2018 के 34 पदों के लिए भी दोबारा फार्म भरवाए हैं।
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आरक्षण दिया है सरकार ने
सरकार ने इसी साल अति पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत और विशेष योग्यजन को चार प्रतिशत आरक्षण (reservation in state) देने का फैसला किया है। कार्मिक विभाग (DOP) से मिले पत्र मिलने के बाद आयोग ने इन भर्तियों में दोबारा आवेदन मांगे हैं।
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लॉ एज्यूकेशन हो रहा है बदहाल
प्रदेश में विधि शिक्षा (law education) बदहाल हो रही है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया (bar council of india) हर साल प्रथम वर्ष के दाखिलों में लेटलतीफी करती है। फिर भी लॉ कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षण से दूर हैं। भावी वकीलों को ऑनलाइन शिक्षण, हाइटेक लाइब्रेरी, सुप्रीम और हाईकोर्ट की कार्रवाई देखने का अवसर नहीं मिल रहा। सरकार तो विधि शिक्षा का तमाशा देखने में जुटी है।
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प्रदेश में 2005 में अजमेर सहित बीकानेर, कोटा, बूंदी, चूरू, झालावाड़, भीलवाड़ा, नागौर, सिरोही सहित अन्य 15 लॉ कॉलेज खोले गए। नियमानुसार बार कौंसिल ऑफ इंडिया से सभी कॉलेज को प्रति पांच साल की सम्बद्धता होनी चाहिए। दुर्भाग्य से ऐसा नही है। हर साल दिखावटी सख्ती…बार कौंसिल ऑफ इंडिया प्रदेश के लॉ कॉलेज में पर्याप्त स्टाफ (staff), संसाधन (infrastructure)नहीं होने से वाकिफ है।
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