7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Student election: नोटा पर खामोशी चुप्पी, स्टूडेंट्स अपने हक से दूर

Student election: छात्रसंघ चुनाव में नहीं मिल रहा नोटा का विकल्प। उच्च और कॉलेज शिक्षा विभाग को नहीं है कोई परवाह

2 min read
Google source verification
nota in election

nota in election

रक्तिम तिवारी/अजमेर

सुप्रीम कोर्ट (supreme court of india) और यूजीसी (ugc) के आदेशों के बावजूद प्रदेश के सरकारी और निजी कॉलेज सहित कई विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थियों को नोटा (NOTA ) विकल्प उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। सरकार और कॉलेज शिक्षा निदेशालय इसको लेकर बेफिक्र है।

read more: Recruitment: आरपीएससी में जल्द होगी भर्तियां, तैयार रहें नौकरी के लिए

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर देश में लोकसभा (lok sabha), विधानसभा (vidhan sabha), स्थानीय निकाय (local bodies) और अन्य चुनाव में नोटा (नन ऑफ अबव) के विकल्प की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत ईवीएम में चुनाव पार्टियों के प्रत्याशियों के अलावा नोटा (NOTA )का बटन भी रखा जाता है। कोई राजनैतिक दल-प्रत्याशी पसंद नहीं होने पर मतदाता नोटा का इस्तेमाल कर सकते है। इसको ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी ने साल 2016-17 में देश के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों को भी छात्रसंघ चुनाव में नोटा का विकल्प रखने के निर्देश दिए थे। दुर्भाग्य से इसकी अनुपालना नहीं हो पाई है।

बेखबर संस्थाएं-विद्यार्थी
बीते दो सत्रों में दो छात्रसंघ चुनाव (student union election)हो चुके हैं। फिर भी सरकारी और निजी कॉलेज और कई विश्वविद्यालयों ने नोटा (NOTA ) का विकल्प नहीं दिया है। मतदान करने वाले छात्र-छात्राएं और प्रत्याशी भी बेखबर हैं। अलबत्ता महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने पिछले दोनों चुनाव में ओएमआर शीट में नोटा का विकल्प जरूर दिया है।

read more: Student union: नेतागिरी की तैयारी, ठोकेंगे छात्रसंघ चुनाव में ताल

ये तो निदेशालय पर निर्भर..
नोटा का विकल्प नहीं देने के पीछे कॉलेज (college) के अजीब तर्क हैं। प्राचार्यों-सह आचार्यों का कहना है, कि कॉलेज शिक्षा निदेशालय प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव नियमावली-कार्यक्रम (election programme) जारी करता है। इसमें नामांकन, नाम वापसी, मतदान, मतगणना के अलावा प्रत्याशी की अर्हता-योग्यता शामिल होती है। नोटा विकल्प को लेकर निदेशालय (college directorate) ने दो सत्रों से कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। ऐसे में इसकी अनुपालना होनी मुश्किल है।

फैक्ट फाइल...
लिंगदोह समिति के सिफारिश अनुसार होते हैं छात्रसंघ चुनाव
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद पद
एनएसयूआई, एबीवीपी, निर्दलीय और अन्य दलों में होता है मुकाबला
एक ही दिन मतदान, मतगणना (बीते दो साल को छोडकऱ)
राज्य में 90 प्रतिशत से ज्यादा संस्थाएं कराती हैं मतपत्र से चुनाव
निर्वाचन आयोग/राज्य/केंद्र सरकार/उच्च शिक्षा विभाग नहीं देता ईवीएम से चुनाव पर जोर


यूजीसी के निर्देशानुसार हम दो वर्ष पूर्व ही मतदाताओं को ओएमआर में नोटा का विकल्प दे चुके हैं।
प्रो. अरविंद पारीक, डीन छात्र कल्याण एमडीएस यूनिवर्सिटी

सरकार और निदेशालय से जैसे निर्देश मिलेंगे पालना की जाएगी।
डॉ. एम.एल.अग्रवाल, प्राचार्य एसपीसी-जीसीए


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग