पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने बताया कि गेगल थाना क्षेत्र में 20 मई को बुबानी गांव के प्रभूसिंह रावत का राजमार्ग किनारे शव मिला। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम में प्रभू सिंह की गमछे से गला घोंटकर हत्या करना सामने आया। एएसपी(ग्रामीण) दीपक कुमार शर्मा, सीओ अजमेर ग्रामीण रामचन्द्र चौधरी के नेतृत्व में गेगल थाना पुलिस, जिला स्पेशल टीम, साइबर सेल ने घटनास्थल के आसपास के 500 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज, गांव में मृतक प्रभू सिंह के संबंध में फीडबैक जुटाए। सीसीटीवी फुटेज व गोपनीय जानकारी में मृतक प्रभूसिंह के साथ 18 मई को आखरी बार सोनूसिंह को बाइक पर बैठाकर ले जाते देखा गया। तकनीकी साक्ष्य जुटाने के बाद पीसांगन आम्बा हाल गेगल बूबानी निवासी सोनूसिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने हत्या की वारदात अंजाम देना कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर वारदात में इस्तेमाल बाइक जब्त कर ली।
शराब पिलाने के बाद गमछे से घोंट दिया गला
पुलिस पड़ताल में आया कि प्रभूसिंह व सोनू सिंह एक गांव के रहने वाले है। सोनू तीन साल से काम के सिलसिले में ससुराल बूबानी में रह रहा था। प्रभूसिंह नशे में अभद्रता करने का आदि था। वारदात से करीब दस दिन पहले उसने सोनूसिंह की बाइक पर बैठने की बात पर अभद्रता की थी। तब सोनूसिंह ने प्रभूसिंह को सबक सिखाने की ठान ली। उसने 18 मई को बूबानी ठेके से शराब लेने के बाद प्रभू सिंह को बाइक पर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गोल्डन होटल के पास ले गया। जहां शराब पिलाने के बाद प्रभूसिंह की गमछे से गला घोंट दिया।
![बेइज्जती गुजरी नागवार, शराब पिलाने के बाद गमछे से घोंटा गला](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/05/42_526e7f.jpg?w=640)
यह है मामला
बुबानी के शिवराजसिंह ने रिपोर्ट दी कि बड़े पिताजी प्रभूसिंह शराब पीने के आदि है। प्रतिदिन सुबह घर से उठकर बिना बताए शराब पीने चले जाते है। शराब की खाली बोतल व प्लास्टिक की बोतल चुनकर बेचकर उन पैसो से शराब पीते है। गत 20 मई को सोशल मीडिया पर फोटो देखने के बाद घटनास्थल पहुंचे तो पहचान बड़े पिताजी प्रभू सिंह के रूप में की। उनके गले में फंदा कसा हुआ था और जीभ बाहर निकली हुई थी। शिवराज की रिपोर्ट पर गेगल थाना हत्या का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
टीम में यह थे शामिल
पुलिस टीम में कार्यवाहक थानाधिकारी सुनील ताड़ा, पीसांगन थानाधिकारी सुरजीत ठोलिया, एएसआई विश्रामलाल, हैडकांस्टेबल सौदान, कैलाशचन्द, रामपाल, सिपाही रिष्वेन्द्र, बलवीर, दिलीप, सौराज, रड़मल, प्रेमचंद, मांगलियावास थाने का सिपाही लादूराम, पीसांगन थाने का सिपाही राजेन्द्र, डीएसटी के एएसआई शंकरसिंह, साइबर सेल के एएसआई रणवीरसिंह, दुर्गेश सिंह, हैडकांस्टेबल गोपाललाल, सीताराम, सुरेश चौधरी, सिपाही संतराम मीणा, मुकेश टांडी, रामस्वरूप विश्नोई, गजेन्द्र मीणा, मुकेश सारण, मुकेशकुमार, सुरेन्द्र, मनोज, अभय कमांड सेंटर सिपाही रामनिवास शामिल है।