27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विपदा आई तो दिल की सुनी, उठे और जुट गए

रियल इंडिया : दर्जी व कई लोग स्वेच्छा से मास्क बनाकर बांटने में जुटे, बचाव के लिए मास्क लगाना अनिवार्य

2 min read
Google source verification

अजमेर

image

Mukesh Gaur

Apr 16, 2020

विपदा आई तो दिल की सुनी, उठे और जुट गए

विपदा आई तो दिल की सुनी, उठे और जुट गए

अजमेर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांव के दर्जी और समाजसेवी मास्क बनाकर बांटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कोई स्वप्रेरणा से मास्क बनाकर बांट रहा तो कोई रोजगार देने की मंशा से मास्क बनवा रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि रेडिमेड ब्राडेंड कपड़ों के चक्कर में जिन गांव के दर्जी (टेलर) को भुला दिया गया था। आज वही संकट की घड़ी में हमारे काम आ रहे हैं। किसी भी ब्राडेंड कम्पनी ने मास्क बनाकर देने की जहमत नहीं उठाई है। मेडिकल स्टोर पर महंगे भाव में मास्क बिक्री की कई शिकायतें हैं। ऐसे में गांव के दर्जा कर्मवीर बनकर समाज और देश सेवा का संदेश दे रहे हैं।

read also : 'चीन ने कोरोना संक्रमण की बात अपने ही देश में की थी छिपाने की कोशिश'

पुराने कपड़ों का उपयोग
कोरोना जैसी महामारी से बचाने के लिए लोगों को मास्क बनाकर बांट रहे हैं। लॉकडाउन के चलते कोई कपड़े सिलवाने भी नहीं आ रहा। विवाह समारोह पर पाबंदी है। ऐसे में बेरोजगार बैठे हैं। पुराने कपड़ों के मास्क बनाकर नि:शुल्क बांटने की सेवा करने में लगे हैं।
रामेश्वरी रावत, लाडपुरा

read also : संकट में अजमेर के पशुपालक मदर डेयरी ने 10 रुपए घटाया दूध का खरीद मूल्य

काम पहले ही था मंदा
रेडिमेड और ब्राडेंड कपड़ों के चलन ने काम की पहले ही हालत खराब कर दी है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते और स्थिति खराब हो गई है। लोगों की सेवा करने के लिए मास्क बनाकर बांटना अच्छा लग रहा है। इस समय लोगों में मास्क की अच्छी खपत है।
रामनाथ जोगी, टेलर लाडपुरा

read also : Correction Option: जेईई मेन और नीट के लिए चुनें नजदीकी शहर

महंगे मास्क बिकते देख किया निर्णय
मेडिकल स्टोर पर महंगे मास्क बिक रहे हैं। हर कोई इसे खरीद नहीं सकता। कई सब्जी,खाद्य सामग्री, दूध व अन्य सामानों के विक्रेता मास्क नहीं लगा रहे थे। इन सभी को मास्क नि:शुल्क मुहैया कराए हैं।
लक्ष्मी यादव, गृहणी लोहाखान खुर्रे वाली गली

read also : अजमेर में मिला कोरोना पॉजिटिव, प्रशासन जुटा स्क्रीनिंग में

दो हजार नि:शुल्क बांटे
अभी तक 2000 मास्क नि:शुल्क बांटे हैं। इसमें भामाशाह का सहयोग रहा। इससे 15-20 महिला-पुरुषों को रोजगार भी मिल गया। हमारी कोशिश है कि नफा-नुकसान बिना लोगों को मास्क वितरित किए जाए।
भरत जैन, संचालक, हथकरघा केन्द्र