दरिद्रता को घर से भगाया यह ऐसी परंपरा है, जो प्रायः महिलाओं को ही पता है। इस बार में पुरुष तक नहीं जानते हैं। महिलाएं सूप बजाते हुए कहती जाती हैं और पूरे घर में भ्रमण करती हैं। लक्ष्मी का आगमन हो चुका होता है। ऐसे में दरिद्रता का क्या काम। फिर भी अगर दरिद्रता कहीं रह गई है तो उसे सूप बजाकर भगाया घर से बाहर भगाया जाता है।
महिलाएं निभा रहीं परंपरा गांव चपौटा (अतरौली) निवासी गृहणी सत्यवती कहना है कि हमारे देश में इस तरह की अनेक परंपराएं हैं, जिन्हें महिलाएं पीढ़ी दर पीढ़ी निभाती चली आ रही हैं। प्रत्येक महिला चाहती है कि घर में दरिद्रता न रहे। इसके लिए दीपावली के अगले दिन सुबह चार बजे सूप खटकाने की भी परंपरा है। यह परंपरा बिना स्नान किए ही पूरी की जाती है।