इस डबल मर्डर केस की जांच पहले यूपी पुलिस ने की। बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में कोई सबूत और गवाह न होने की वजह से ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए तलवार दंपत्ति को तलब कर लिया था और मुक़दमे का ट्रायल करने का फैसला किया था। सीबीआई की ट्रायल कोर्ट ने नवम्बर 2013 में इस मामले में तलवार दंपत्ति को दोषी करार देते हुए दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
16 मई 2008 को दिल्ली से सटे नोएडा के जवलायु विहार स्थित घर में 14 साल की आरुषि का शव मिला, जबकि 17 मई को नौकर हेमराज की डेड बॉडी छत पर मिली थी। 2008 के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में अदालत आरुषि के माता-पिता, नूपुर और राजेश तलवार को दोषी मान चुकी थी।
आरुषि-हेमराज कांड:
16 मई 08 : आरुषि की हत्या, लाश बेडरूम में मिली थी।
17 मई 08 : नौकर हेमराज की लाश छत पर मिली, उसी पर आरुषि की हत्या का आरोप राजेश तलवार ने लगाया था।
18 मई : जांच में यूपी एसटीएफ को भी लगाया गया था।
23 मई : पुलिस ने डॉ. राजेश तलवार को हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार किया था।
29 मई : जांच सीबीआई के हवाले।
03 जून : कम्पाउंडर कृष्णा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।
27 जून : नौकर राजकुमार को गिरफ्तार किया गया था।
11 जुलाई : नौकर विजय मंडल गिरफ्तार डॉ. तलवार को जमानत मिली था।
29 दिसंबर 2010: सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगाई, कोर्ट ने नहीं लिया संज्ञान में।
09 फरवरी 2011 : मामले में तलवार दंपति बने थे आरोपी।
26 नवम्बर 2013 : नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रकैद की हुई थी सजा।
7 सितम्बर 2017: आरुषि-हेमराज मर्डर मिस्ट्री में न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर 7 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्तूबर तय की थी।
12 अक्टूबर 2017: आज दोपहर लगभग 2 बजे आरुषि-हेमराज हत्याकाण्ड मामले का आएगा फैसला।