यह भी पढ़ें –गौशाला में पैतीस गायों की दर्दनाक मौत ,जिम्मेदार अधिकारी बता रहे प्राकृतिक आपदा
आयोग की टीम ने सरकारी अफसरों और ग्राम प्रधानों को सरेआम फटकार लगाई और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी। आयोग की टीम ने सरेआम कहा कि इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी लोगों को जेल भेजा जाएगा। इस तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी कि दोषियों को सालों तक जमानत नहीं मिलेगी और उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। गौ सेवा आयोग की टीम ने गायों की मौत पर नाराजगी जताई। इस मामले में आयोग कल सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गोवंश की सुरक्षा महत्वपूर्ण योजना के तहत जिले के गंगा पार इलाके में कादीपुर गांव में बनाए गए गोवंश आश्रय स्थल पर 344 गए रखी गई थी। जिनमें से 35 गायों की मौत हो गई थी। दरअसल स्थानीय लोगों की मानें तो तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते गौशाला में पानी भर गया था जिसे देखने वाला कोई नही था। जिससे वह तालाब में तब्दील हो गया उसी तालाब के दलदल में फंसकर 35 पशुओं की मौत हो गई थी। हालांकि इस पूरे मामले पर पशु चिकित्साधिकारी लीपापोती करने में जुटे रहे और उन्होंने इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि भारी बारिश में बिजली गिरने की वजह से गायों की मौत हो गई।
गोवंश की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए का बजट मुख्यमंत्री कोष से जारी किया जाता है, जिसके बाद प्रदेश के अलग.अलग हिस्सों में पशुओं के संरक्षण के लिए अस्थाई गौशाला बनाने का काम चल रहा है। इसी क्रम में जिले के कादी गांव में भी अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया था। जिसमें क्षमता से अधिक गायों को रखा गया और उनकी देखरेख ना करने की वजह से उन्हें अपनी जिंदगी गवानी पड़ी।स्थानीय ग्रामीण ने जाँच के लिए आयो टीम को बताया की करीब 2 बीघा जमीन के क्षेत्रफल में मिट्टी का घेरा बनाकर गौशाला निर्धारित की गई थी। लगातार हो रही बारिश के चलते यह पूरी गौशाला तालाब में तब्दील हो गई और उसी के दलदल में फंस कर तीन दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गई थी । समय से चारा पानी न मिलने से गाय इतनी कमजोर हो गई थी की चल नही पा रही थी और उनकी मौत हो गई ।