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सीएम साहब भूख से तड़प कर मर गई पैंतीस गाय, जिम्मेदार बताते रहे प्राकृतिक आपदा

locationप्रयागराजPublished: Jul 14, 2019 12:19:08 am

मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना का है ये हाल

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प्रयागराज| जिले के कांदी गांव की सरकारी गौशाला में एक साथ 35 गायों की मौत के मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग की टीम आज घटनास्थल पर पहुंची। आयोग के उपाध्यक्ष जसवंत सिंह और सदस्य भोले सिंह ने कांदी गांव की गौशाला का निरीक्षण किया और मौके का मुआयना करने के बाद लोगों के बयान दर्ज किए। आयोग की टीम से ज़्यादातर लोगों ने यह शिकायत की कि गायों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से नहीं, बल्कि भूख व बारिश में भीगकर बीमार होने की वजह से हुई है।

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आयोग की टीम ने सरकारी अफसरों और ग्राम प्रधानों को सरेआम फटकार लगाई और उन्हें जेल भेजने की धमकी दी। आयोग की टीम ने सरेआम कहा कि इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी लोगों को जेल भेजा जाएगा। इस तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी कि दोषियों को सालों तक जमानत नहीं मिलेगी और उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। गौ सेवा आयोग की टीम ने गायों की मौत पर नाराजगी जताई। इस मामले में आयोग कल सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

गोवंश की सुरक्षा महत्वपूर्ण योजना के तहत जिले के गंगा पार इलाके में कादीपुर गांव में बनाए गए गोवंश आश्रय स्थल पर 344 गए रखी गई थी। जिनमें से 35 गायों की मौत हो गई थी। दरअसल स्थानीय लोगों की मानें तो तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते गौशाला में पानी भर गया था जिसे देखने वाला कोई नही था। जिससे वह तालाब में तब्दील हो गया उसी तालाब के दलदल में फंसकर 35 पशुओं की मौत हो गई थी। हालांकि इस पूरे मामले पर पशु चिकित्साधिकारी लीपापोती करने में जुटे रहे और उन्होंने इसे प्राकृतिक आपदा बताते हुए कहा कि भारी बारिश में बिजली गिरने की वजह से गायों की मौत हो गई।

गोवंश की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए का बजट मुख्यमंत्री कोष से जारी किया जाता है, जिसके बाद प्रदेश के अलग.अलग हिस्सों में पशुओं के संरक्षण के लिए अस्थाई गौशाला बनाने का काम चल रहा है। इसी क्रम में जिले के कादी गांव में भी अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया था। जिसमें क्षमता से अधिक गायों को रखा गया और उनकी देखरेख ना करने की वजह से उन्हें अपनी जिंदगी गवानी पड़ी।स्थानीय ग्रामीण ने जाँच के लिए आयो टीम को बताया की करीब 2 बीघा जमीन के क्षेत्रफल में मिट्टी का घेरा बनाकर गौशाला निर्धारित की गई थी। लगातार हो रही बारिश के चलते यह पूरी गौशाला तालाब में तब्दील हो गई और उसी के दलदल में फंस कर तीन दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गई थी । समय से चारा पानी न मिलने से गाय इतनी कमजोर हो गई थी की चल नही पा रही थी और उनकी मौत हो गई ।

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