इलाहाबाद का नाम स्मार्ट सिटी की लिस्ट में आने के बाद ही कार्यदायी संस्था इलाहाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड का गठन किया गया था। संस्था का अध्यक्ष कमिश्नर डॉ. आशीष कुमार गोयल व सीईओ नगर आयुक्त हरिकेश चैरसिया हैं। इस संस्था की ओर से अगस्त में इस कार्य के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट कन्सल्टेन्ट एजेन्सी का चयन करने के लिए निविदा करायी गयी थी। जिसमें से टेक्निकल बिड देने वाली पांच एजेंसियों का प्रजेन्टेशन किया जाना था। इसमें निविदा शर्तों का पालन करने वाली सक्षम और अनुभवी एजेंसी को जिम्मेदारी सौपने का निर्णय लिया गया था।
इसी क्रम में सोमवार को पांच एजेंसियों ने कमिश्नर की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी के बोर्ड और निविदा समिति की मौजूदगी में गांधी सभागार में अपना प्रजेन्टेशन दिया। इस दौरान हैदराबाद की आर्वी आर्टिटेक्ट इंजीनियर्स एंड कंसल्टेन्ट प्रा.लि., एजिस, नई दिल्ली की आईपीई ग्लोबल-9, गुड़गांव की केपीएमजी एवं लुइस बर्जर और नोएडा की हास्कोनिंग डीएचबी एवं आर्नेस्ट, यंग कम्पनियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान मण्डलायुक्त ने इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाये जाने की प्रक्रिया में प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट इंफार्मेशन सिस्टम, सिटी सर्विलान्स, सोलर पॉवर के प्रयोग, आधुनिक सुविधाओं के विकास, इलाहाबाद से अन्य स्थानों की कनेक्टिविटी, सुगम यातायात, क्राउड मैनेजमेन्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, हेरिटेज संरक्षण, पर्यटन महत्व सहित अन्य पहलुओं पर जिलाधिकारी संजय कुमार, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण भानुचन्द्र गोस्वामी, नगर आयुक्त आरसीयूईएस के विशेषज्ञ अवधेश कुमार गुप्ता व नगर निगम के अधिकारियों के बीच मंथन किया।
इसी क्रम में सोमवार को पांच एजेंसियों ने कमिश्नर की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी के बोर्ड और निविदा समिति की मौजूदगी में गांधी सभागार में अपना प्रजेन्टेशन दिया। इस दौरान हैदराबाद की आर्वी आर्टिटेक्ट इंजीनियर्स एंड कंसल्टेन्ट प्रा.लि., एजिस, नई दिल्ली की आईपीई ग्लोबल-9, गुड़गांव की केपीएमजी एवं लुइस बर्जर और नोएडा की हास्कोनिंग डीएचबी एवं आर्नेस्ट, यंग कम्पनियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान मण्डलायुक्त ने इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाये जाने की प्रक्रिया में प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट इंफार्मेशन सिस्टम, सिटी सर्विलान्स, सोलर पॉवर के प्रयोग, आधुनिक सुविधाओं के विकास, इलाहाबाद से अन्य स्थानों की कनेक्टिविटी, सुगम यातायात, क्राउड मैनेजमेन्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, हेरिटेज संरक्षण, पर्यटन महत्व सहित अन्य पहलुओं पर जिलाधिकारी संजय कुमार, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण भानुचन्द्र गोस्वामी, नगर आयुक्त आरसीयूईएस के विशेषज्ञ अवधेश कुमार गुप्ता व नगर निगम के अधिकारियों के बीच मंथन किया।
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मण्डलायुक्त ने स्पष्ट किया कि निविदा शर्तों के अनुसार कम्पनियों को उनके प्रस्तुतीकरण की गुणवत्ता के आधार पर अंक दिये जायेंगे। इसके बाद तकनीकी बिड में चयनित कम्पनियों की फाइनेंशियल बिड के आधार पर प्राप्त होने वाले अंकों को जोड़कर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली एजेंसी का चयन किया जायेगा। इस प्रक्रिया का मुख्य उदेश्य पारदर्शिता और तेजी के साथ स्मार्ट सिटी के कार्य को जमीनी स्तर पर प्रारम्भ कराना है। इसके लिए एक या दो दिन में ही यह औपचारिकता पूरी कर एजेन्सी का चुनाव पूरा कर लिया जायेगा। यह भी पढ़ें
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इस दौरान मण्डलायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि परामर्शदाता एजेन्सी के चयन के बाद अगले ही दिन से कार्य प्रारम्भ करा दिया जायेगा। ताकि अर्द्धकुम्भ आयोजन के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के कार्यों को पूरा किया जा सके। निविदा द्वारा चयनित उक्त पांचों एजेंसियों की तकनीकी बिड का अन्तिम परीक्षण इस प्रजेन्टेशन द्वारा किया जाना था। जिसमें प्रजेंटेशन करने वाली एजेंसी को चयन के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। तभी वह एजेंसी फाइनेंसियल बिड खोले जाने के लिए योग्य होगी। शासन द्वारा निर्धारित निविदा प्रक्रिया के निर्धारित नियमों के अनुसार तकनीकी बिड और फाइनेंसियल बिड के अंकों को जोडकर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली एजेंसी ही चयन के लिये मान्य होगी। by Arun Ranjan