
अलवर। जिले के खेरली कस्बे में करीब 65 बीघा भूमि में बनी कृषि मंडी में इन दिनों देर रात तक चहल-पहल बनी हुई है। यहां रोजाना नई व पुरानी किस्म की सरसों के बंपर आवक हो रही है। इससे मेले जैसा वातावरण बना हुआ है। किसानों में खासा उत्साह है। शुक्रवार को जहां 18 हजार हजार से अधिक कट्टे आए, वहीं शनिवार को 20 हजार से भी अधिक कट्टे बिक्री के लिए आए। जिनकी संख्या आगामी दिवस में बढ़ने का अनुमान है।
कृषि उपज मंडी खेरली में इन दिनों बिक्री के लिए सरसों की बंपर आवक होने से व्यापारी व पल्लेदार वर्ग भी खुश हैं। अच्छा भाव मिलने से किसानों के चेहरे भी प्रसन्नता से खिल रहे हैं। इसके अलावा मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों को भी रोजगार मिला हुआ है। उन्हें भी इन दिनों माल उतराई, तुलाई व लदाई के कार्य से फुरसत नहीं मिल रही है।
खेरली कस्बे में ’’अ’’ श्रेणी की मंडी अलवर जिले की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है। जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी। खेरली मंडी 65 बीघा में बनी हुई है। जिसमें 130 दुकानें हैं। जिसमें सरसों के अतिरिक्त अन्य जिंस की भी भरपूर मात्रा में बिक्री के लिए आते हैं। सरसों का क्षेत्र में सबसे बड़ी आवक यहां होती है।
व्यापारियों व किसानों का कहना है कि अभी नई सरसों में थोड़ी नमी है। इसलिए बिना लैब के नमी की जांच कर खरीद की जा रही है। इसके बाद भी 6-8 नमी पर 5600 से 5700 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा हैं। अधिकतम में 5950 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। जहां अभी सरकारी दर पर खरीद होना लगभग एक माह बाद शुरू होगी। उससे पूर्व सरसों की बंपर आवक से व्यापारी प्रसन्न हैं। अच्छे भाव मिलने से किसान प्रसन्न है। मंडी में पुरानी सरसों के भी दो से तीन हजार कट्टे बिक्री के लिए आ रहे हैं, जो लैब से जांच के पश्चात खरीद की जा रही है।
कृषि मंडी में किसान कलेवा योजना संचालित है, जिसमें प्रति दिन 200 किसान कूपन से पांच रुपए में भोजन प्राप्त कर रहे हैं। आठ रोटी, दाल-सब्जी एवं गुड दिया जाता है। मंडी में 1500 पल्लेदार हैं। सरसों जांच के लिए चार सरकारी लैब है।
यह भी पढ़ें
Published on:
09 Mar 2025 11:05 am
बड़ी खबरें
View Allअलवर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
