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Rajasthan: फाइनेंस कंपनी बनाकर करोड़ों का फ्रॉड, मामा-भांजा फरार, गुस्साए लोगों ने घर में की तोड़फोड़; वाहनों में लगाई आग

Finance Company Scam: खैरथल-तिजारा जिले के मातौर गांव में देर रात एक फाइनेंस कंपनी घोटाले को लेकर ग्रामीणों का गुस्से ने हिंसक रूप ले लिया।

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अलवर

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Anil Prajapat

Sep 26, 2025

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मामा-भांजे के घर पर हमला व मौके पर मौजूद पुलिस। फोटो: पत्रिका

खैरथल। खैरथल-तिजारा जिले के मातौर गांव में देर रात एक फाइनेंस कंपनी घोटाले को लेकर ग्रामीणों का गुस्से ने हिंसक रूप ले लिया। नव अंश इंडिया निधि लिमिटेड नामक फाइनेंस कंपनी ने ग्रामीणों को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के नाम पर करीब 5 हजार खाते खोले थे। लेकिन कंपनी का मालिक और एजेंट करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए। बताया जा रहा है कि इस धोखाधड़ी की जानकारी ग्रामीणों को मिली वे एजेंट के घर चक्कर लगाने लगे। बीते दिन एजेंट दाताराम और उसके परिवार के फरार होने की खबर से ग्रामीण भड़क गए।

बुधवार देर रात गुस्साए ग्रामीणों ने कंपनी से जुड़े एजेंट दाताराम चौधरी और उमराव लाल चौधरी के मकानों पर हमला कर पत्थरबाजी कर घर में खड़ी तीन बाइकों को आग के हवाले कर दिया। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। मौके पर कई थानों का पुलिस जाप्ता और आरएसी की टुकड़ी तैनात की गई। गुरुवार सुबह गांव में स्थिति सामान्य बनी रही।

15 साल बाद करोड़ों रुपए लेकर मामा-भांजा फरार

जानकारी के मुताबिक मामा-भांजे ने साल 2010 में फाइनेंस कंपनी बनाई थी। लोगों को रकम पर साल का 24 प्रतिशत ब्याज का झांसा दिया। कई साल ब्याज के साथ रुपए लौटाकर लोगों में विश्वास बनाया। लेकिन, अब 15 साल बाद करोड़ों रुपए लेकर मामा-भांजा फरार हो गए।

ब्याज का लालच देकर खाता खुलवाए, अब रकम लेकर फरार

ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी संचालकों ने भोले-भाले लोगों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर खाता खुलवाया और एफ डी में रकम जमा करवाई। पहले कुछ समय तक ब्याज भी दिया गया, जिससे लोगों का भरोसा बढ़ा।

लेकिन अचानक कंपनी मालिक और एजेंट करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए। अब गांव के सैकड़ों लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से हाथ धो बैठे हैं। एडिशनल एसपी रतन लाल भार्गव ने बताया कि घटना की सूचना बुधवार रात करीब 10 बजे मिली थी। गुस्साई भीड़ को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया। पांच लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

फिक्स डिपॉजिट में डूब गए लाखों

गांव की महिला निवेशक प्रेमवती ने रोते हुए दर्द बया किया की उन्होंने दाताराम के जरिए 3 लाख रुपए एफडी में जमा किए थे। उनके बड़े बेटे ने 3 लाख, बहू और पोते ने भी मिलाकर 3 लाख जमा किए। कुल मिलाकर 9 लाख रुपए उनके परिवार के फंस गए।

पंचायत का वादा टूटा, भड़का आक्रोश

गांव निवासी विजेंद्र चौधरी ने बताया कि चार दिन पहले पंचायत में एजेंट दाताराम ने खाताधारकों के पैसे लौटाने का आश्वासन दिया था और 5 दिन का समय मांगा था। लेकिन समय पूरा होने पर जब रकम नहीं लौटी, तो गुस्साए लोगों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। लोगों का कहना है कि हमने मेहनत मजदूरी कर अपनी बचत का पैसा जमा कराया था। अब वह फरार हो गया।

खाताधारक चंद्रेश ने बताया कि उनके 4.5 लाख रुपए कंपनी में फंसे हैं। बुधवार को दाताराम का रिश्तेदार उनके घर से भैंसें ले जा रहा था। जैसे ही यह खबर फैली, लोग जमा हो गए और विरोध शुरू हो गया। इसी दौरान दाताराम की पुत्रवधू ने गुस्साई भीड़ को धमकाना शुरू कर दिया, जिससे माहौल और बिगड़ गया।

25 से 50 करोड़ डूबने का दावा

रिटायर्ड बिजली बोर्ड कर्मचारी शंभूदयाल ने बताया कि उन्होंने दाताराम के जरिए अपना और पत्नी का खाता खुलवाया था। हमने 6.20 लाख रुपए जमा कराए थे। गांव के लोगों के करीब 25 से पचास करोड़ रुपए दाताराम लेकर भाग गया। मैं अपनी पेंशन से हर महीने 10 हजार रुपए इसमें जमा करता था।

एजेंट की संदिग्ध मौत से बढ़ी आशंका

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले कंपनी के एक एजेंट की संदिग्ध मौत हो गई थी। तभी से निवेशकों में आशंका बढ़ गई थी। जब बार-बार मांगने पर भी पैसे नहीं लौटे तो गुस्सा हिंसा में बदल गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गांव में हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं। कंपनी मालिक और एजेंटों की तलाश जारी है। वहीं ग्रामीण अब भी अपने पैसों की वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। कुल मिलाकर मातौर गांव में यह घोटाला न सिर्फ हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई लील गया है, बल्कि ग्रामीणों का विश्वास भी तोड़ गया है। लोग कह रहे हैं कि जब तक उनके पैसे नहीं लौटेंगे तो गांव में आंदोलन और उग्र हो सकता है।