राजगढ़ अस्पताल से पोस्टमार्टम कराने के बाद हरकेश को अलापुर गांव लाया गया। यहां उसका अंतिम संस्कार करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। लेकिन अखिरी समय में गांव के ही लोगों ने यह पहचाना कि यह खत्री का भाई नहीं कोई और है। जिसकी पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची तो मालूम चला कि यह महावीर ढाबे पर कार्य करने वाला युवक है। जो सालपुर गांव का निवासी है। जिसे गलती से अलापुर निवासी खत्री का भाई मान लिया गया। पुलिस युवक के शव को वापस लेकर आई। जिसे सामान्य अस्पताल में मॉर्चरी में रखवाया है।
आखिरी समय में युवक की पहचान नहीं होती तो हरकेश का दूसरे गांव में दाह संस्कार हो जाता। परिजनों के लिए वह लापता हो जाता और खत्री के लापता भाई को मान लिया जाता कि उसकी मौत हो चुकी है। जबकि खत्री का भाई अभी तक लापता है।
पुलिस कह रही दुर्घटना में मौत सदर थाना पुलिस का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार पैदल जाते समय श्योनाथपुरा के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से हरकेश की मौत हुई है। हालांकि अभी इसमें अनुसंधान भी जारी है। पुलिस ने शव के मॉर्चरी में रखवाया है। यह घटना रविवार रात्रि करीब दस बजे की है। अगले दिन सोमवार को शव की गलत पहचान हो गई। जिसके कारण अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका है।