
अंबिकापुर. Alumina plant accident update: लुंड्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिलसिला स्थित मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना हाइड्रेट प्लांट में रविवार की सुबह करीब 11 बजे बड़ा हादसा हो गया। काम के दौरान कोयले का बंकर गिर जाने से उसके नीचे 5 मजदूर दब गए। इसमें से 4 मजदूरों की मौत (Alumina plant accident update) हो गई, जबकि 1 घयाल हो गया। हादसे के शुरुआती डेढ़ घंटे में काफी मशक्कत के बाद 3 मजदूरों को निकालकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया था। यहां 2 मजदूरों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, जबकि अन्य का रेस्क्यू किया जा रहा था। इनमें से 2 और मजदूरों की मौत हो गई।
सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिलसिला स्थित मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना हाइड्रेट प्लांट में रविवार की सुबह करीब 11 बजे अचानक कोयले का बंकर (हॉपर) व करीब 150 फीट बेल्ट वहां काम कर रहे मजदूरों पर गिर गया। हादसे में बंकर के नीचे काम कर रहे 5 मजदूर दब गए। इससे वहां अफरा-तफरी (Alumina plant accident update) मच गई।
सूचना मिलते ही प्लांट प्रबंधन की बचाव टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शूरु किया। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दबे 3 मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया। तीनों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लाया गया।
यहां जांच पश्चात डॉक्टरों ने 2 मजदूरों मध्यप्रदेश के मंडला निवासी प्रिंस राज व मनोज को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक मजदूर को मामूली चोट आने की वजह से छुट्टी दे दी गई।
बंकर के नीचे दबे अन्य 2 मजदूरों का रेस्क्यू (Alumina plant accident update) किया जा रहा था। शाम करीब साढ़े 4 बजे रेस्क्यू खत्म हुआ। इस दौरान दबे दोनों मजदूरों झारखंड निवासी रमेश व करण की लाश मिली।
रेस्क्यू करने टीम द्वारा भारी-भरकम बंकर को गैस कटर से काटा गया। फिर पूरा कोयला हटाने के बाद दोनों मजदूर मिले। हादसे की सूचना मिलते ही रघुनाथपुर चौकी प्रभारी राजेंद्र सिंह भी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे थे।
बताया जा रहा है कि प्लांट प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह हादसा (Alumina plant accident update) हुआ है। प्रबंधन द्वारा प्लांट में सुरक्षा गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा था। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में भूसे से प्लांट का ब्रायलर (बेल्ट) चलाया जाता था। लेकिन 1 सितंबर से कोयले का उपयोग किया जाने लगा। ऐसे में वजन अधिक हो जाने की वजह से हादसा होने की बात कही जा रही है।
बताया जा रहा है कि पूर्व में ब्रायलर को भूसे के हिसाब से बनाया गया था। लेकिन जब कोयले का उपयोग होना शुरु हुआ तो ब्रायलर को अपडेट नहीं किया गया। गौरतलब है कि पूर्व में भी आस-पास के गांवों के लोगों ने प्लांट के खुलने का भारी विरोध किया था।
Published on:
08 Sept 2024 05:39 pm
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