गौरतलब है कि लुंड्रा के सेमरपारा स्थित आरईएस के पुराने क्वार्टर में सुषमा पैंकरा 30 वर्ष अपने पति अरुण सिंह से अलग रहती थी। लुंड्रा पुलिस को 1 जून 2020 को सूचना मिली कि सुषमा पैंकरा की लाश उसके क्वार्टर में पड़ी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की। महिला के कपड़े अस्त-व्यस्त थे तथा चेहरे पर तकिया रखा हुआ था। पीएम रिपोर्ट में महिला की गला व मुंह दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी। इस मामले में पुलिस अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपी की खोजबीन में जुटी थी। पुलिस की कई कोशिशों के बाद भी डेढ़ साल से हत्या की गुत्थी सुलझ नहीं पाई थी।
नए सिरे से शुरु हुई जांच
सरगुजा आईजी अजय यादव तथा एसपी अमित तुकाराम कांबले द्वारा हत्या की गुत्थी सुलझाने नए सिरे से जांच हेतु एएसपी विवेक शुक्ला के मार्गदर्शन, एसडीओपी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी की घर-पकड़ हेतु कार्यवाही प्रारंभ की गई। घटना स्थल निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जांच अधिकारियों को मृतिका का मोबाइल नहीं मिला था।
हत्या करने 1 लाख रुपए का मिला था लालच
पूछताछ में दिनेश भुईहर ने बताया गया कि अमित सिंह का मृतिका सुषमा के साथ अवैध संबंध था। मृतिका अमित पर शादी का दबाव डाल रही थी। इसके बाद अमित ने उसे अपने रास्ते से हटाने प्लान किया। उसने दिनेश भुईहर को 1 लाख रुपए देने का लालच देकर उसकी हत्या करने कहा।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक ईमानुएल लकड़ा, थाना लुण्ड्रा प्रभारी निरीक्षक दिलबाग सिंह, विजय प्रताप सिंह, एएआई रश्मि सिंह, एएसआई अजित मिश्रा, सरफराज फिरदौसी, भूपेश सिंह, प्रधान आरक्षक कृष्णा सिंह, सुधीर सिंह, प्रवीण राठौर, आरक्षक अशोक यादव, रूपचंद, विकास सिंह, राकेश शर्मा, सुयश पैकरा, विरेन्द्र पैकरा व विकास पांडेय शामिल रहे।