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Jhiram Ghati Attack: Video: टीएस बोले- झीरम घाटी हमला था एक षडय़ंत्र, नाम पूछकर की गई थी नंदकुमार पटेल की हत्या, पूर्व CM पर लगाए ये आरोप

Jhiram Ghati Attack: Video: झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद कांग्रेस नेताओं को 12वीं पुण्यतिथि पर जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में दी गई श्रद्धांजलि, 33 लोगों की गई थी जान

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Jhiram attack

Tribute to Martyrs Congress leaders

अंबिकापुर। झीरम घाटी नक्सली हमले (Jhiram Ghati Attack) में शहीद कांग्रेस नेताओं और सुरक्षाकर्मियों की 12वीं पुण्य तिथि पर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में श्रद्धांजलि दी। इस दौरान टीएस ने कहा कि झीरम घाटी हमला सिर्फ नक्सली हमला न होकर एक षडय़ंत्र था। इस हमले का उद्देश्य कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष स्व. नंदकुमार पटेल की हत्या करना था, क्योंकि उनका नाम पूछकर उन्हें मारा गया था। इस मामले की जांच में जो बिंदू तय किए गए थे, उसे लेकन टीएस ने तात्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए।

सिंहदेव ने कहा कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी (Jhiram Ghati Attack) में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला हुआ था। इस हमले में कांग्रेस के 14 नेताओं उनके सुरक्षाकर्मियो सहित 33 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसमें कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेंद्र शर्मा, दिनेश पटेल समेत अन्य शामिल थे।

उस समय तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष स्व. नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस पूरे छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा कर रही थी। उन्होंने बताया कि यात्रा के प्रभारी वे खुद थे। घटना (Jhiram Ghati Attack) दिनांक को परिवर्तन यात्रा सुकमा में सभा के बाद जगदलपुर की ओर लौट रही थी तभी नक्सलियों ने दरभा के झीरम घाटी में यात्रा पर हमला कर कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की हत्या कर दी थी। टीएस ने इस दौरान उन पहलुओं का खुलासा किया जो इस घटना में एक गहरे षडयंत्र की ओर इशारा कर रहे थे।

अगली सभा की तैयारी के लिए निकल गए थे टीएस

टीएस सिंहदेव ने बताया कि वे, वर्तमान सरगुजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक एवं बस्तर कांग्रेस के नेता राजेश तिवारी सुकमा में परिवर्तन रैली के रवाना होने के कुछ समय पूर्व अगली सभा की तैयारियों के लिए निकल गए थे। उस दौरान उन्होंने पूरे मार्ग में कहीं भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं देखे, जबकि प्रशासन को रूट की जानकारी दी गई थी। प्रशासन के पास इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट के कई इनपुट होने के बावजूद ऐसा नहीं होना आश्चर्यजनक था।

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Jhiram Ghati Attack: नाम पूछकर नंदकुमार पटेल को मारा

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस ने बताया कि नक्सलियों ने हमलों के दौरान कई बार स्व. नंदकुमार पटेल के बारे में पूछताछ कर उनकी पहचान की और उन्हें और उनके पुत्र को अलग जंगल में ले जाकर उनकी हत्या (Jhiram Ghati Attack) कर दी। वास्तव में हमला नंद कुमार पटेल को लक्ष्य कर किया गया था।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उनका मुख्यमंत्री बनना तय था। कोई था जो नहीं चाहता था कि वे मुख्यमंत्री बने। इसी उद्देश्य से झीरम हमलों की सुनियोजित साजिश रची गई।

एनआईए की जांच पर सवाल

टीएस सिंहदेव ने एनआईए जांच के लिए तय बिंदुओं को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने एनआईए की जांच के लिये यह बिंदु ही तय नहीं किया कि यह घटना (Jhiram Ghati Attack) कैसे हुई, इस घटना की चूक का जिम्मेदार कौन था? नक्सली मूवमेंट की सूचना के बावजूद सुरक्षा बंदोबस्त क्यों नहीं थे।

घटना के षडय़ंत्र को जानने के लिए इन बिंदुओं पर जांच करवाने के बजाय भविष्य में ऐसी घटना न हो को सरकार द्वारा एनआईए जांच का मुख्य बिंदु बनाया गया। लाख प्रयास के बावजूद आज तक एनआईए की रिपोर्ट राज्य सरकार को नहीं सौपना अनेक शंकाओ को जन्म देता है।

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जांच के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया

सिंहदेव ने कहा कि वे परिवर्तन यात्रा के प्रभारी थे, लेकिन कभी भी एनआईए द्वारा उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया। इस दौरान (Jhiram Ghati Attack) जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक ने भी झीरम हमलों और परिवर्तन यात्रा के राजनीतिक प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए। श्रद्धांजलि सभा को हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, शैलेंद्र प्रताप सिंह, मदन जायसवाल, अशफाक अली, लोकेश पासवान, मिथुन सिंह और अमित वर्मा ने भी सम्बोधित किया।

श्रद्धांजलि सभा में ये हुए शामिल

कार्यक्रम (Jhiram Ghati Attack) में अमित तिवारी, निक्की खान, शफीक खान, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, अतुल तिवारी, विनोद एक्का, हरभजन भामरा, राशिद अहमद, मेराज गुड्डू, जमील खान, नरेन्द्र विश्वकर्मा, काजू खान, संजय सिंह, रजनीश सिंह, अविनाश कुमार, विकास केशरी, मो रियाजुल, मो सिराजुद्दीन, तरणराज बाबरा, सोहन जायसवाल,हनुमान सिंह, बैजनाथ ठाकुर, बिज्जू गुप्ता, दुर्गा गुप्ता, सावित्री ठाकुर, साधना कश्यप, मंजू सिंह, अमित सिन्हा, राजेश पांडे, कृष्ण मुरारी शर्मा समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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