25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विडंबना: गरीबी ने इस कदर बेबस किया कि पंडो महिला ने गिरवी रखना पड़ा राशन कार्ड

Poverty: महिला ने 12 हजार रुपए में गिरवी रखा परिवार का राशन कार्ड (Ration card), महिला के गांव से ही आर्थिक तंगी के कारण पंडो परिवार के पिता व 2 पुत्रों की मौत का मामला (3 death case) आया था सामने

2 min read
Google source verification
Ration card

Woman who mortgage his ration card

अंबिकापुर. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उन्हें खाने के लाले पड़े हैं। मामला बलरामपुर जिले के रामचन्द्रपुर थाना क्षेत्र के ग्राम दोलंगी गांव का है। एक सप्ताह के अंदर पंडो जनजाति के एक परिवार के 3 सदस्यों की मौत आर्थिक तंगी के कारण हो गई। वहीं दूसरी ओर एक मामला राशन कार्ड गिरवी रखने का सामने आया है।


आर्थिक तंगी से जुझ रही शांति पंडो पति रामानंद पंडो उम्र 35 वर्ष को 12 हजार रुपए में अपना राशन कार्ड को गिरवी रखना पड़ा है। इसके बाद से उसे खाने के लिए अनाज नहीं मिल रहा है। उसके घर में अनाज का एक दाना नहीं है। उसका पति मजदूरी का काम करता है। पूरा परिवार कुपोषण से जुझ रहा है।

शांति पंडो अपना परिवार चलाने के लिए जड़ी बूटी बेचने का काम करती है। वहीं जंगल के फल तोड़कर बच्चों का पेट भरने को विवश है। गांव में जब स्वास्थ्य अमला पहुंचा तो परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य जांच कराई गई।

Read More: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पिता व 2 मासूम पुत्रों की मौत, आर्थिक हालत थी खराब

जांच में परिवार के सभी लोग कुपोषित पाए गए। इसके बाद शांति पंडो और उसकी एक वर्षीय बेटी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र बलरामपुर में दाखिल कराया गया है।

गरीबी से परेशान शांति पंडो अपने घर का चौकी, दरवाजा तक बेच चुकी है। इस तरह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पंडो जनजाति की न तो जिला प्रशासन को चिंता है और न ही विधायम, मंत्री इनके प्रति फिक्रमंद हंै।


जिला प्रशासन के सारे दावे हो रहे फेल
पंडो जनजाति राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाते हैं। इन्हें मुख्यधारा से जोडऩे के लिए शासन-प्रशासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन सब कागजी ही साबित हो रही है।

पंडो जनजाति का शोषण लगातार जारी है। आज भी ये आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। न तो इन्हें समय पर इलाज मिल पा रहा है और न ही अन्य सुविधाएं मिल रही है। आज भी ये अपना जीवन यापन जंगलों में ही रहकर कर रहे हैं। न तो इन्हें पीने के लिए साफ पानी मिल रहा और न ही पौष्टिक आहार मिल पा रहा है।

Read More: विधायक वृहस्पति के बिगड़े बोल: डिप्टी कलक्टर को कहा- मारूंगा जूते, मां-बहन की दी गालियां, ऑडियो वायरल


पुन: जारी किया जाएगा राशन कार्ड
राशन कार्ड गिरवी रखने की जानकारी पंडो समाज के पदाधिकारियों को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना बलरामपुर के एसी ट्राइबल को दी। एसी ट्राइबल आरके शर्मा ने कहा कि अगर राशन कार्ड गिरवी रखने का मामला है तो उस परिवार के नाम से पुन: राशन कार्ड जल्द जारी किया जाएगा। गिरवी रखा राशन कार्ड निरस्त हो जाएगा।


अधिकांश परिवार कुपोषण के शिकार
पिछले एक सप्ताह के अंदर पंडो जनजाति के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले दो दिनों से गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है। स्वास्थ्य जांच में पता चला है कि पंडो जनजाति के अधिकांश परिवार कुपोषित पाए गए हैं।

स्वास्थ्य जांच में लगभग सभी लोगों में खून की कमी पाई गई है। कई लोगों को इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं कई लोगों में कुपोषण पाए जाने पर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र भेजा गया है। इसमें मां व बच्चे भी शामिल हैं।