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CG Ajab Gajab : किसी जादू से कम नहीं है इनका आविष्कार, बिना बिजली जला देते हैं सीएफएल बल्ब

युवा वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिभा से किया कमाल, टॉवर से वाई-फाई की तरह चुम्बकीय ऊर्जा से प्रकाशित किया बल्ब

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CFL burns without electricity

CFL burns without electricity

अबिकापुर. जरा सोचिए! बिजली की चकाचौंध रोशनी बिना तार के पर्याप्त मिले। विद्युत ऊर्जा, चुम्बकीय ऊर्जा में बदलकर टावर से अबाधित विद्युत ऊर्जा में मिलने लगे तो तार-केबल का झंझट ही खत्म हो जाएगा। जी... यह स्वप्न नहीं है... बल्कि श्री साईं बाबा आदर्श महाविद्यालय के होनहार युवा वैज्ञानिकों ने सुखद आविष्कार किया है। टॉवर के चुम्बकीय क्षेत्र में आने वाले बल्ब स्वत: प्रकाशित हो जाएंगे।

ऊर्जा से चलने वाले दूसरे उपकरणों के परिपथ पूरा होने के साथ ही बिजली मिलने लगेगी। बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र संदीप कुमार, अवधेश कुमार, दुलेश्वर प्रसाद, केश्वर यादव ने विभागाध्यक्ष शैलेष कुमार देवांगन के मार्गदर्शन में ट्रांसफार्मर और उसका परिपथ तैयार किया है। टॉवर से प्रसारित चुम्बकीय ऊर्जा से कई सीएफएल, बल्ब रोशन कर मॉडल दिखाया।


विद्युत ऊर्जा को टॉवर में पहुंचा कर चुम्बकीय ऊर्जा मेंं परिवर्तित करने के सिद्धांत पर युवा वैज्ञानिकों ने बताया फ्लैक्स तरंग प्रसारित करना चुनौती थी। चुम्बकीय तरंगों को बल्ब, सीएफएल आदि उपकरणों की कुंडली से जुडऩा होता है। यह प्रक्रिया वायर लेस होती है।

टॉवर द्वारा प्रसारित चुम्बकीय तरंगें म्यूचुअल अन्योन (म्यूचुअल इंडक्शन) के माध्यम से सर्किट पूरा करती हैं। इस प्रक्रिया को वायर लेस, कार्ड लेस भी कहा जा सकता है।


सौर ऊर्जा, पवन चक्की का बढ़ेगा उपयोग
युवा वैज्ञानिकों ने बताया कि सौर ऊर्जा, पवन चक्की के माध्यम से ऊर्जा को संग्रहित करेंगे। यह ऊर्जा टॉवर पर बिना तार की पहुंचाई जाएगी। टॉवर से उपभोक्ता को विद्युत ऊर्जा मिलेगी।


ऊर्जा वितरण के क्षेत्र में होगी क्रांति
शैलेष कुमार ने बताया कि बिना तार के वाई-फाई की तरह आपूर्ति होने वाली यह ऊर्जा अनलिमिटेड मिलेगी। टॉवर की परिधि में आने वाले के विद्युत उपकरण स्वत: ऊर्जा प्राप्त करेंगे।

उन्होंने बताया कि चुम्बकीय ऊर्जा को प्रसारित करते समय ही पासवर्ड के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जाएगा। उपभोक्ता को मिलने वाली बिजली के उपयोग का आंकड़ा स्वत: प्राप्त होगा। ऊर्जा वितरण की लागत न्यूनतम होगी। खम्भे व तार लगने का चलन पीछे छूट जाएगा। इस विधा में शॉर्ट-सर्किट जैसी समस्या तो होनी ही नहीं है।


आविष्कार का है कॉपीराइट
शैलेष कुमार देवांगन और युवा वैज्ञानिकों ने कॉपीराइट के विषय में बताया कि सिद्धांत तो भौतिकी और विद्युत ऊर्जा का है। यह परिपथ विद्यार्थियों द्वारा तैयार किया गया है जो गोपनीय है। इसकी सैद्धांतिक कुंडली, परिपथ महाविद्यालय में सुरक्षित रखी गई है।


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