
Dog bite (Photo- Patrika)
अंबिकापुर. रेबीज (World Rabies Day) एक जानलेवा वायरस जनित बीमारी है, जो ज़ूनोटिक श्रेणी की सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाती है। यह बीमारी संक्रमित जानवर, विशेषकर कुत्ते, बिल्ली, लोमड़ी व सियार के काटने से उनके लार के माध्यम से फैलती है। एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इसका कोई उपचार संभव नहीं है और यह 100 प्रतिशत मृत्यु का कारण बनती है। हालांकि समय पर टीकाकरण करवा कर इससे 100 प्रतिशत बचाव संभव है।
हर वर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है, जो प्रसिद्ध वैज्ञानिक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि है। लुई पाश्चर ने ही रेबीज के टीके की खोज की थी। इस दिवस का उद्देश्य लोगों में इस घातक बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाना है ताकि इससे होने वाली मौतों को रोका जा सके।
विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 60 हजार और भारत में 20 हजार से अधिक लोगों की मौत रेबीज (Rabies) से होती है। 99 प्रतिशत मामलों में संक्रमण का कारण कुत्ते का काटना होता है, जबकि अन्य जानवरों से केवल 1 प्रतिशत मामले होते हैं।
लक्षणों की बात करें तो संक्रमित जानवरों (World Rabies Day) में पहले सामान्य बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जो बाद में नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में लार बहना, आदेश नहीं मानना, खाना-पानी बंद करना और अकारण काटने दौडऩा है।
अंबिकापुर में पिछले 1 महीने में 10 से 12 गायों की मौत संक्रमण से हो चुकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आवारा कुत्तों के काटने से गायों में रेबीज फैल रहा है और गाय पहले अक्रमक हो रहे हैं और अंत में उनकी मौत हो जा रही है।
अतिरिक्त उप संचालक, पशुधन विकास विभाग, सरगुजा डॉ. सीके मिश्रा ने कहा कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में लोग झाडफ़ूंक और अंधविश्वास के चलते सही इलाज नहीं कराते जिससे उनकी जान चली जाती है। इसलिए जरूरी है कि काटने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज और टीका लगवाएं।
समाज में इस बीमारी (World Rabies Day) से बचाव के लिए जनजागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है, ताकि हम लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति सतर्क कर सकें और रेबीज से होने वाली मृत्यु दर को शून्य तक ला सकें।
डॉ. सीके मिश्रा ने बताया कि पालतू कुत्तों को समय पर रेबीज (World Rabies Day) का टीका लगवाना चाहिए और हर वर्ष बूस्टर डोज अवश्य देना चाहिए। अगर किसी को कुत्ता काट ले तो तुरंत घाव को कार्बोलिक साबुन से 10 मिनट तक बहते पानी से धोएं, एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं और चिकित्सक से संपर्क कर टीकाकरण करवाएं।
Published on:
28 Sept 2025 03:35 pm
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