बॉर्डर खुलने के बाद राजस्थान की प्याज विदेशों में भी पहुंच रहा है। नेपाल और बांग्लादेश में राजस्थान के प्याज की अच्छी डिमांड है। ऐसे में अब प्याज के दाम बढ़ने लगे हैं। सिर्फ अलवर प्याज मंडी में पिछले दो महीनों में 12 लाख कट्टों की आवक हुई है।
अलवर। अलवर की प्याज मंडी इन दिनों प्याज से गुलजार है। पिछले दो महीनों में यहां 12 लाख 5 हजार 909 कट्टों की आवक दर्ज की गई। मंडी में शुक्रवार को 50 हजार कट्टों की आवक हुई, जिससे मंडी गुलजार रही। खुशखबर यह है कि अब बॉर्डर खुलने से अलवर का प्याज बांग्लादेश जा रहा है। साथ ही नेपाल में भी इसकी अच्छी डिमांड है। हालांकि इस बार ट्रेन नहीं चली।
जिले के प्याज की देशभर में डिमांड है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, असम, बिहार, बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल सहित कई प्रदेशों में अलवर का प्याज लगातार भेजा जा रहा है। इसके अलावा बंगाल के रास्ते यह बांग्लादेश भी जाता है। यही वजह है कि हर बार दाम अच्छे मिलने की वजह से प्याज का रकबा बढ़ता जा रहा है। हालांकि इस बार प्याज की क्वालिटी खराब है। यही वजह रही कि शुरुआती दौर में बाहरी राज्यों में प्याज की डिमांड कम रही। अब डिमांड भी बढ़ी है और दाम भी बढ़े हैं। पहले प्याज के दाम 200 से 500 रुपए प्रति मन थे, लेकिन अब दाम 300 से बढ़कर 850 रुपए प्रति मन तक पहुंच गए हैं।
अलवर प्याज मंडी से रोजाना करीब 130 छोटी-बड़ी गाड़ियां प्याज लेकर निकल रही हैं। यहां से सप्लाई नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों तक पहुंच रही है। यहां का प्याज तीखा है। इसका नॉनवेज में प्रयोग ज्यादा होता है। साथ ही प्यूरी में भी इसका उपयोग किया जाता है।
प्याज की आवक फरवरी तक रहने की संभावना है। कई किसानों ने इस बार उपज को देर से निकाला है। ऐसे स्टॉक में नमी की मात्रा अधिक होने से उसे तुरंत मंडी में बेचने के बजाय सुरक्षित रखा जा रहा है। जैसे-जैसे नमी कम होगी, वैसे-वैसे मंडी में और आवक बढ़ेगी।