ACB raid: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एसडीओ को एक किसान से तालाब का बिल पास करने के एवज में मांगे गए थे रुपए, एसडीओ को न्यायालय में किया गया पेश
अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के प्रेमनगर आरईएस विभाग में पदस्थ एसडीओ ऋषिकांत तिवारी को एक किसान से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते एसीबी की टीम (ACB raid) ने बुधवार की देर शाम रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। एसीबी की टीम ने उसके घर भी खंगाले। इस दौरान वहां 2 लाख 27 हजार रुपए कैश, 52 लाख की एफडी, सोने-चांदी के जेवर, जमीनों के कागजात, बैंक खाते और बीमा योजनाओं में भी लाखों रुपए जमा पाए गए। एसीबी की टीम उसके और डिटेल निकाल रही है। वहीं टीम ने उसे गुरुवार को सूरजपुर न्यायालय में पेश किया।
गौरतलब है कि प्रेमनगर के नवापारा खुर्द निवासी दिगंबर सिंह की निजी भूमि पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तालाब निर्माण की स्वीकृति इसी वर्ष जून माह में मिली थी। दिगंबर ने 1 लाख 82 हजार रुपए का तालाब निर्माण कराया था। निर्माण कार्य का मूल्यांकन आरईएस विभाग में पदस्थ एसडीओ ऋषिकांत तिवारी (ACB raid) को करना था।
मूल्यांकन व रिपोर्ट तैयार करने के एवज में एसडीओ ने उससे 15 हजार रुपए की डिमांड की थी। इसकी शिकायत उसने एसीबी की टीम से की थी। शिकायत की पुष्टि करने के बाद एसीबी (ACB raid) की टीम ने उसे रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई।
तय योजना के अनुसार 12 नवंबर की देर शाम दिगंबर सिंह ने उसे रिश्वत की रकम देने अपने घर पर बुलाया था। यहां जैसे ही उसने केमिकल लगे 15 हजार रुपए एसडीओ को दिए, वहां पहले से मौजूद एसीबी (ACB raid) की टीम ने उसे दबोच लिया था।
पूरी कार्रवाई एसीबी (ACB raid) डीएसपी प्रमोद कुमार खेस के नेतृत्व में हुई। डीएसपी ने बताया कि एसडीओ को लेकर वे उसके घर पहुंचे। यहां जांच में 2 लाख 27 हजार रुपए कैश, करीब 52 लाख रुपए की एफडी, सोने-चांदी के जेवर तथा बैंक खाते व बीमा योजनाओं में लाखों रुपए जमा किए जाने के दस्तावेज मिले।
अन्य डिटेल भी उससे निकाले जा रहे हैं। वहीं पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसके पास से जब्त 2.27 लाख रुपए हाल ही में उसने रिश्वत के रूप में कई लोगों से लिए थे। एसीबी की टीम ने गुरुवार को उसे सूरजपुर न्यायालय में पेश किया।
एसडीओ ऋषिकांत तिवारी के रिश्वत लेते रंगे हाथों (ACB raid) दबोचे जाने पर प्रेमनगर क्षेत्र के सरपंच-सचिवों ने पटाखे फोडक़र खुशियां मनाईं। बताया जा रहा है कि पंचायतों में मूल्यांकन का कार्य ऋषिकांत तिवारी द्वारा ही किया जाता था। इसके एवज में वह पंचायत प्रतिनिधियों से रिश्वत लेता था।