Astrology 2026: अगर 2026 में गणेश, शिव, हनुमान, लक्ष्मी, दुर्गा और पितरों की नियमित उपासना की जाए, तो यह वर्ष सफलता, शांति और समृद्धि से भरपूर बन सकता है।
Astrology 2026: साल 2026 का कुलांक 1 (सूर्य) है, जो नई शुरुआत, नई ऊर्जा और नवजीवन का संकेत देता है। विक्रम संवत 2083 में राजा गुरु और मंत्री मंगल होंगे, जिससे ज्ञान, साहस और कर्म की ऊर्जा तेज रहेगी। इस वर्ष सूर्य, गुरु और मंगल प्रभावी रहेंगे, वहीं शनि, राहु, केतु और चंद्र मानसिक व कर्मफल से जुड़े उतार-चढ़ाव देंगे। सही पूजा-पाठ और मंत्र जाप से 2026 को एक स्वर्णिम और सफल वर्ष बनाया जा सकता है।
सूर्य के मीन गोचर (19 मार्च) के साथ चंद्र, गुरु, शनि और शुक्र सक्रिय होंगे।
इसलिए संतुलन के लिए पूजा-उपाय जरूरी हैं।
इससे विघ्न दूर होंगे, कामों में गति आएगी और अचानक लाभ मिलेगा।
चंद्र ऊर्जा को संतुलित करने के लिए 2026 में शिव भक्ति बेहद शुभ है।
इससे तनाव, नकारात्मक ऊर्जा और रिश्तों की कड़वाहट दूर होती है।
मंगल के प्रभाव वाले इस वर्ष हनुमान जी की पूजा विशेष फल देती है।
यह उपाय बुरी नजर, भय और शनि-राहु दोष से रक्षा करता है।
धन स्थिति मजबूत करने के लिए:
कमलगट्टे की माला से
इससे खर्चों पर नियंत्रण और आय में वृद्धि होती है।
इससे वंश वृद्धि, आत्मविश्वास और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।