धर्म/ज्योतिष

2026 Astrology Remedies: पूजा-पाठ और मंत्र जाप से कैसे बनाएं 2026 को लकी

Astrology 2026: अगर 2026 में गणेश, शिव, हनुमान, लक्ष्मी, दुर्गा और पितरों की नियमित उपासना की जाए, तो यह वर्ष सफलता, शांति और समृद्धि से भरपूर बन सकता है।

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Dec 21, 2025
rashifal (pc: freepik)

Astrology 2026: साल 2026 का कुलांक 1 (सूर्य) है, जो नई शुरुआत, नई ऊर्जा और नवजीवन का संकेत देता है। विक्रम संवत 2083 में राजा गुरु और मंत्री मंगल होंगे, जिससे ज्ञान, साहस और कर्म की ऊर्जा तेज रहेगी। इस वर्ष सूर्य, गुरु और मंगल प्रभावी रहेंगे, वहीं शनि, राहु, केतु और चंद्र मानसिक व कर्मफल से जुड़े उतार-चढ़ाव देंगे। सही पूजा-पाठ और मंत्र जाप से 2026 को एक स्वर्णिम और सफल वर्ष बनाया जा सकता है।

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2026 का ग्रह योग और ऊर्जा (Planetary Energy of 2026)

सूर्य के मीन गोचर (19 मार्च) के साथ चंद्र, गुरु, शनि और शुक्र सक्रिय होंगे।

  • सूर्य: आत्मविश्वास, नेतृत्व
  • गुरु: ज्ञान, धन, सौभाग्य
  • मंगल: साहस, प्रतिस्पर्धा
  • शनि: कर्मफल, स्थिरता
  • राहु-केतु: भ्रम, गलत निर्णय

इसलिए संतुलन के लिए पूजा-उपाय जरूरी हैं।

गणेश पूजा: वर्ष की शुभ शुरुआत (Ganesh Puja for New Beginnings)

  • 2026 को शुभ बनाने के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की उपासना करें।
  • गणेश जी को दूर्वा और मोदक चढ़ाएं
  • रोज सुबह 108 बार “ॐ गं गणपतये नमः” का जाप करें

इससे विघ्न दूर होंगे, कामों में गति आएगी और अचानक लाभ मिलेगा।

शिव उपासना: मानसिक शांति और स्वास्थ्य (Shiv Puja for Peace & Health)

चंद्र ऊर्जा को संतुलित करने के लिए 2026 में शिव भक्ति बेहद शुभ है।

  • शिवलिंग पर जल, दूध या गंगाजल चढ़ाएं
  • “ॐ नमः शिवाय” का जप रुद्राक्ष माला से करें

इससे तनाव, नकारात्मक ऊर्जा और रिश्तों की कड़वाहट दूर होती है।

हनुमान पूजा: शनि-राहु से रक्षा (Hanuman Remedies for Negative Energies)

मंगल के प्रभाव वाले इस वर्ष हनुमान जी की पूजा विशेष फल देती है।

  • मंगलवार को हनुमान चालीसा
  • शनिवार को सरसों के तेल का दीपक

यह उपाय बुरी नजर, भय और शनि-राहु दोष से रक्षा करता है।

लक्ष्मी साधना: धन और समृद्धि (Lakshmi Puja for Wealth)

धन स्थिति मजबूत करने के लिए:

कमलगट्टे की माला से

  • “ॐ श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्मी नमः” का जाप
  • कनकधारा स्तोत्र या श्रीसूक्त का पाठ

इससे खर्चों पर नियंत्रण और आय में वृद्धि होती है।

पितृ और दुर्गा उपासना (Pitru & Durga Worship)

  • अमावस्या पर पितरों के नाम तर्पण और दान
  • मां दुर्गा को लाल पुष्प या चांदी का छत्र

इससे वंश वृद्धि, आत्मविश्वास और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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Updated on:
21 Dec 2025 07:50 am
Published on:
21 Dec 2025 07:49 am
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