Guru Gochar 2025 में देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च अवस्था में हैं। जानें इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर और कौन-सी राशियां होंगी भाग्यशाली।
Guru Gochar 2025 : 19 अक्टूबर 2025 को देवगुरु बृहस्पति यानी गुरु ग्रह ने कर्क राशि में प्रवेश कर लिया है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, यह गोचर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कर्क गुरु की उच्च राशि है। गुरु यहां 3 दिसंबर तक रहेंगे और फिर वक्री होकर मिथुन राशि में चले जाएंगे। इस दौरान इनकी दृष्टि अपनी ही राशि मीन में स्थित शनि पर रहेगी, जो कि बेहद शुभ मानी जाती है।
गुरु ग्रह को ज्योतिष में देवगुरु कहा गया है। यह ज्ञान, धर्म, शिक्षा, धन, भाग्य और विवाह के कारक ग्रह माने जाते हैं। जब गुरु किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखा जाता है। इस बार गुरु ग्रह 19 अक्टूबर को दोपहर 12:57 बजे कर्क राशि में आए और 12 नवंबर को वक्री (retrograde) हो जाएंगे। उसके बाद 3 दिसंबर को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। चूंकि इस वर्ष गुरु तेज गति यानी अतिचारी अवस्था में हैं, इसलिए वे साल 2025 में दो बार राशि परिवर्तन करेंगे।
कर्क राशि गुरु की उच्च राशि है। यानी इस स्थिति में गुरु अपनी पूर्ण शक्ति के साथ फल प्रदान करते हैं। कर्क के स्वामी चंद्रदेव हैं और गुरु-चंद्र की आपसी मित्रता इस गोचर को और भी शुभ बनाती है। इस कारण कई राशियों खासकर कर्क, वृश्चिक, मीन और मकर को इसका विशेष लाभ मिलेगा।
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, यह गोचर प्राकृतिक और सामाजिक दोनों स्तर पर प्रभाव डालेगा। देश में अधिक बारिश, बाढ़, तूफान और भूकंप जैसी घटनाएं संभव हैं। बस, रेल और हवाई यातायात में दुर्घटनाएं हो सकती हैं। राजनीतिक अस्थिरता, विरोध-प्रदर्शन और सत्ता परिवर्तन जैसी परिस्थितियां भी बन सकती हैं। साथ ही, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, आय में इजाफा होगा और तकनीकी क्षेत्र में नई खोजें होंगी।
भारत की स्वतंत्रता कुंडली के अनुसार, बृहस्पति इस समय देश के तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। यह स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि तीसरा भाव संघर्ष का भाव माना जाता है। हालांकि लाभ भाव के स्वामी का उच्च राशि में होना अर्थव्यवस्था और विदेश नीति में सुधार का संकेत देता है। इस दौरान कर-नीतियों और ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है। परंतु विदेशों से आर्थिक सहयोग और निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे देश की प्रगति संभव है।
गुरु के इस गोचर से तकनीकी क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल सकती है। रक्षा तकनीक, अंतरिक्ष अनुसंधान और ड्रोन तकनीक में नए आयाम खुलेंगे। एआई (Artificial Intelligence), क्वांटम कंप्यूटिंग और चिकित्सा अनुसंधान में बड़ी सफलताएं मिलेंगी। वैकल्पिक ऊर्जा और औषधीय अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को नए अवसर प्राप्त होंगे।
देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन इन उपायों का पालन करना शुभ रहेगा। प्रतिदिन “ॐ भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र की एक माला जाप करें। भगवान विष्णु को पीले फल और वस्त्र अर्पित करें। बृहस्पतिवार को हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू और चने की दाल का दान करें। केले के पेड़ को जल चढ़ाएं। नियमित रूप से “राम रक्षा स्तोत्र” और “महामृत्युंजय मंत्र” का पाठ करें। भगवान हनुमान और माता दुर्गा की पूजा करें, और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मेष राशि:
धन की आवक में कमी और धार्मिकता में गिरावट संभव है। व्यापार में मेहनत करनी होगी। जमा पूंजी खर्च हो सकती है।
वृषभ राशि:
समय बेहतर रहेगा। पदोन्नति और रुके कार्य पूरे होंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
मिथुन राशि:
लाभ सीमित रहेगा। मन में आलस्य रहेगा और काम करने की प्रेरणा कम हो सकती है।
कर्क राशि:
धन वृद्धि के योग बनेंगे। कर्ज कम होगा, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। मनचाहे कार्य पूरे होंगे।
सिंह राशि:
आय प्रभावित हो सकती है। खर्च पर नियंत्रण रखें और कानूनी/सरकारी मामलों में सावधानी बरतें।
कन्या राशि:
गुरु विशेष लाभ दिलाएंगे। सफलता, प्रतिष्ठा और पारिवारिक सुख बढ़ेगा।
तुला राशि:
समस्याओं से राहत मिलेगी। स्वास्थ्य सुधरेगा और पुराने विवाद खत्म होंगे।
वृश्चिक राशि:
गुरु धन लाभ, शत्रु नाश और सरकारी सहयोग दिलाएंगे। भाग्य मजबूत होगा।
धनु राशि:
आर्थिक अनुशासन जरूरी है। बचत पर ध्यान दें और अनावश्यक खर्च से बचें।
मकर राशि:
स्थिरता रहेगी। परिवार और आर्थिक स्थिति संतुलित रहेगी।
कुंभ राशि:
रोजगार और आय के नए अवसर मिलेंगे। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।
मीन राशि:
गुरु के स्वामी होने के कारण यह गोचर बेहद शुभ रहेगा। नौकरी में प्रमोशन, व्यापार में वृद्धि और सम्मान की प्राप्ति होगी।