Custodial death case: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बलरामपुर थाने में पुलिस हिरासत में मृत युवक के परिजन से की मुलाकात, कहा- यह घटना अमानवीय
अम्बिकापुर. Custodial death case: पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह ने बलरामपुर थाना में पुलिस अभिरक्षा में मृत गुरु चंद मंडल के परिजनों से मिल कर घटनाक्रम (Custodial death case) की जानकारी ली। मृतक के परिजनों ने थाने में की गई पिटाई से शरीर पर पड़े चोट के निशान पूर्व डिप्टी सीएम को दिखाए। यह देख उन्होंने घटना को अमानवीय बताया। उन्होंने हाईकोर्ट के सीटिंग जज से मामले की जांच कराने और दोषी सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
बलरामपुर थानांतर्गत ग्राम सन्तोषी नगर निवासी गुरु चंद मंडल की विगत दिनों पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी। उसकी पत्नी रीना मंडल के गुमशुदगी के मामले में पुलिस उसे और परिजनों को लगातार पूछताछ के लिए थाने बुला रही थी। मृतक के पिता ने पूर्व उप मुख्यमंत्री को बताया पुलिसकर्मियों (Custodial death case) ने उन्हें थाने बुलाकर अमानवीय ढंग से पिटाई की।
घटना से पूर्व मृतक गुरु चंद मंडल, पिता शांति मंडल, असीम मंडल सहित 2 अन्य लोगों को 3 दिन से पूछताछ के नाम पर थाने में रखकर टॉर्चर (Custodial death case) किया जा रहा था। इसी बीच उन्हें पुलिस कर्मियों के आपसी बातचीत से गुरुचंद मंडल की मौत की अपुष्ट जानकारी मिली। पुलिस की ओर से थाने में मौजूद परिजनों को कुछ भी नहीं बताया गया।
पीडि़त पक्ष ने पुलिस प्रताडऩा से परिजनों के शरीर मे आई चोट कांग्रेस की टीम को दिखाया। मृतक गुरुचंद के शरीर मे पुलिस की पिटाई के निशान का वीडियो, फोटो भी उपलब्ध कराया।
पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह घटना अमानवीय है। पहली नजर में साफ है गुरुचंद मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। बाद में उसके शौचालय में फांसी (Custodial death case) लगाने की कहानी गढ़ी गई। इस घटना की जांच कोर्ट के सीटिंग जज अथवा सीबीआई जैसी संस्था से कराई जानी चाहिए।
जिन भी पुलिस वालों पर आरोप है उनके निलंबन और दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई से कम कुछ भी मंजूर नहीं। जिन पर समाज की रक्षा की जिम्मेदारी है, उनका ऐसा जघन्य अपराध अक्षम्य है।
सिंहदेव ने कहा ऐसा लगता है कानून व्यवस्था (Custodial death case) सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आना चिंता का विषय है। आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन काल मे आदिवासियों और आदिवासी क्षेत्र के लोगों पर अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।
इस दौरान औषधीय पादप बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बाल कृष्ण पाठक महापौर डॉ. अजय तिर्की, पूर्व विधायक डॉ. प्रीतम राम, सूरजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी मरावी, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री द्वितेंद्र मिश्र, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, राकेश गुप्ता, रिपुजीत सिंह, अजय गुप्ता, शिवभजन मरावी,
आशीष वर्मा, अजय सिंह, आलोक सिंह, नीतीश चौरसिया, सतीश बारी, ऋषिकेश मिश्रा, डॉ. दिनेश यादव, ओंकार गुप्ता, जितेंद गुप्ता, मुन्ना सिंह, हरीश मिश्रा, लाल साय मिंज,दिलीप धर, नन्हेलाल गुप्ता, राजू सिंह व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।