Aloe Vera And Honey For Skin: अगर आप भी केमिकल-फ्री, सस्ते और असरदार उपाय की तलाश में हैं, तो एलोवेरा और शहद से बना फेस मास्क आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।
Aloe Vera And Honey For Skin: बारिश हो या गर्मी, बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर हमारी त्वचा पर पड़ता है। पॉल्यूशन, धूल-मिट्टी, धूप और केमिकल प्रोडक्ट्स के कारण स्किन अपनी नेचुरल चमक खोने लगती है। ऐसे में अगर आप केमिकल-फ्री, सस्ते और असरदार उपाय की तलाश में हैं, तो एलोवेरा और शहद से बना फेस मास्क आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। यह मास्क सनटैन, डार्क स्पॉट्स, ड्रायनेस और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याओं में बेहद कारगर माना जाता है। आइए जानें इस नेचुरल फेस मास्क को लगाने का सही तरीका।
इस मास्क में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम्स और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा की ऊपरी परत पर जमी मरी हुई कोशिकाओं को धीरे-धीरे हटाने में मदद करते हैं। इससे स्किन साफ, मुलायम और तरोताजा महसूस होती है।
एलोवेरा एक नैचुरल ह्यूमेक्टेंट है, जो स्किन की गहराई में जाकर उसे हाइड्रेट करता है। वहीं, शहद त्वचा में नमी को लॉक करने में मदद करता है, जिससे रूखापन दूर होता है और स्किन सॉफ्ट और स्मूद लगती है।
एलोवेरा की एंटी-इंफ्लेमेटरी और कूलिंग प्रॉपर्टीज त्वचा पर होने वाली जलन, लालपन और मुंहासों की समस्या को कम करने में कारगर हैं। शहद के एंटीबैक्टीरियल गुण पिंपल्स के बैक्टीरिया को खत्म कर त्वचा को राहत देते हैं।
नियमित उपयोग से त्वचा की रंगत धीरे-धीरे साफ होती है और चेहरे पर नैचुरल चमक आने लगती है। यह फेस मास्क स्किन को अंदर से पोषण देकर उसे जवां और हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है।
एक कटोरी में दो बड़े चम्मच एलोवेरा जेल लें और उसमें एक बड़ा चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह से ब्लेंड करें ताकि यह एक स्मूद पेस्ट बन जाए। अब इस तैयार फेस मास्क को चेहरे और गर्दन पर समान रूप से लगाएं और 15-20 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। अगर आप हफ्ते में 2-3 बार इस फेस मास्क का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं, तो त्वचा बेदाग, मुलायम और हेल्दी बन सकती है। एलोवेरा और शहद दोनों ही नेचुरल इंग्रेडिएंट्स हैं, लेकिन अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो इस्तेमाल से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
(इस स्टोरी में डिजिटल पत्रिका के साथ इंटर्नशिप कर रही नव्या शर्मा ने रचनात्मक सहयोग दिया है।)