Road Accident: बिलासपुर-कोरबा नेशनल हाईवे मंगलवार देर रात फिर ‘मौत का हाईवे’ बन गया। कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम गतौरी में तेज रफ्तार ट्रक ने मवेशियों के झुंड को कुचल दिया।
CG Road Accident: बिलासपुर-कोरबा नेशनल हाईवे मंगलवार देर रात फिर ‘मौत का हाईवे’ बन गया। कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम गतौरी में तेज रफ्तार ट्रक ने मवेशियों के झुंड को कुचल दिया। हादसे में गर्भवती गाय समेत 8 मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीण और गौ सेवक आक्रोशित हो गए और हाईवे जाम कर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
एनएच पर सीमा यूल्स के पास सडक़ पर मवेशियों का झुंड बैठा हुआ था। तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें रौंद दिया। हादसा इतना भयावह था कि हाईवे पर लहूलुहान लाशें बिखर गईं। गर्भवती गाय की मौत के बाद उसका बछड़ा बाहर निकल आया। इस नजारे को देखकर ग्रामीणों की आंखें भर आईं। हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर वाहन समेत फरार हो गया।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सड़कों से आवारा मवेशियों को हटाया जाए और उन्हें रेडियम बेल्ट पहनाए जाएं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि रेडियम बेल्ट लगाने की प्रक्रिया महज दिखावा साबित हुई।
सड़क पर मवेशियों की मौजूदगी सिर्फ जानवरों के लिए नहीं, बल्कि इंसानों के लिए भी खतरा है। अचानक झुंड के सामने आ जाने से कई बार बड़े हादसे टलते-टलते रह जाते हैं। वाहन चालकों का कहना है कि रात में हाईवे पर अचानक मवेशी आ जाएं तो ब्रेक लगाना मुश्किल हो जाता है। कई बार हादसे में गाड़ी चालक को ही दोषी ठहराया जाता है।
यह कोई पहला हादसा नहीं है। सिर्फ डेढ़ महीने में 70 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है। जुलाई में नेशनल हाइवे में ही 22 गौवंशीय पशुओं को वाहन ने रौंदा था, जिनमें 17 की जान गई थी। रतनपुर इलाके में भी ट्रक ने करीब 20 मवेशियों को कुचला था। लगातार हो रही इन घटनाओं से लोग दहशत में हैं।