Diljit Dosanjh Gets threat: पंजाबी इंडस्ट्री से एक और बड़ी खबर आ रही है। कनाडा के पंजाबी सिंगर चन्नी नट्टन के घर फायरिंग के बाद दिलजीत दोसांझ को धमकी मिली है। यह धमकी क्यों दी गई है इसके पीछे की बड़ी वजह का भी खुलासा हो गया है।
Diljit Dosanjh Gets threat: पंजाबी म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ को खालिस्तानी आतंकवादी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने एक गंभीर धमकी दी है। SFJ के लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बुधवार, 29 अक्टूबर को दिलजीत को धमकी देते हुए कहा है कि 1 नवंबर को जो भी उनके ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कॉन्सर्ट है उसे को बंद किया जाए। इस खबर के बाद से सोशल मीडिया पर हर कोई डर गया है। दिलजीत के फैंस भी लगातार कमेंट कर रहे हैं। आइये जानते हैं क्यों ये धमकी दी गई है।
दिलजीत दोसांझ को जो धमकी मिली है उसके पीछे की वजह चौंकाने वाली है। यह धमकी इसलिए दी गई है क्योंकि दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति 17' के एक एपिसोड में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पैर छुए थे। जी हां! अमिताभ बच्चन के पैर छूने की वजह से सिंगर को चेतावनी और धमकी दोनों दी गई है।
'ईटाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SFJ ने खास तौर पर 1 नवंबर को दिलजीत के कॉन्सर्ट को बंद करने का ऐलान किया है। इसकी वजह यह है कि इस दिन अकाल तख्त साहिब द्वारा सिख 'नरसंहार स्मरण दिवस' (Sikh Genocide Remembrance Day) के रूप में मनाया जाता है और SFJ 1984 के सिख विरोधी दंगों में 'भीड़ को उकसाने' का आरोप हमेशा अमिताभ बच्चन पर लगाता आया है। यही वजह है कि संगठन का यह कड़ा फैसला दिलजीत के अमिताभ बच्चन के पैर छूने के कुछ ही दिनों बाद आया है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दिलजीत ने अमिताभ बच्चन को इज्जत देकर '1984 के सिख नरसंहार के हर एक पीड़ित, विधवा और अनाथ का अपमान किया है।' संगठन ने यह भी दावा किया है कि अमिताभ बच्चन ने 31 अक्टूबर, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद फैले तनाव के दौरान हिंदुस्तानी भीड़ को सार्वजनिक रूप से उकसाया था। SFJ का आरोप है कि उन्होंने 'खून का बदला खून' जैसे नरसंहारी नारा लगाया था, जिसके बाद पूरे भारत में 30,000 से ज्यादा सिख महिला-पुरुष और बच्चों की निर्मम हत्या हुई थी।
SFJ ने दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट को बायकॉट करने की भी मांग की है। संगठन ने कहा है कि सिंगर ने 'स्मृति दिवस का मजाक' उड़ाया है, इसलिए दुनिया भर के सिख समूहों और कलाकारों को उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए और 1 नवंबर को कॉन्सर्ट वाली जगह के बाहर से एक बड़ी रैली निकाली जाएगी।
बता दें कि सिख धार्मिक प्राधिकरण, अकाल तख्त ने 2010 में 1984 की हत्याओं को नरसंहार घोषित किया था और तभी से 1 नवंबर को सिख नरसंहार स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। दिलजीत दोसांझ या उनकी टीम की तरफ से फिलहाल इस धमकी पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।