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Womens World Cup 2025: क्या बेटियां खत्म करेंगी 14 साल लंबा इंतज़ार? वनडे वर्ल्ड कप के लिए एक दशक से ज्यादा समय से तरस रहा भारत

भारत ने आखिरी वर्ल्ड कप 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था। इस बात को 14 साल हो चुके हैं और भारतीय टीम तब से वनडे वर्ल्ड कप के लिए तरस रही है। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर के पास आज इतिहास रचने का मौका है।

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Nov 02, 2025
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास इतिहास रचने का मौका है। (Photo Credit - IANS)

India vs South Africa, Womens World Cup 2025: खेल के मैदान पर कभी-कभी ऐसे क्षण आते हैं जो जीत-हार की सीमाओं से परे चले जाते हैं, वह पल जहां गौरव, परंपरा और आत्मविश्वास एक होकर कुछ अनमोल रच देते हैं। रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में फ्लडलाइट्स ऐसी ही एक यादगार शाम की गवाह बनेंगी, जब भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीमें महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में आमने-सामने होंगी।

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क्या भारत को तीसरा वर्ल्ड कप जिताएंगी हरमनप्रीत कौर

भारत ने आखिरी वर्ल्ड कप 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था। इस बात को 14 साल हो चुके हैं और भारतीय टीम तब से वनडे वर्ल्ड कप के लिए तरस रही है। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर के पास आज इतिहास रचने का मौका है। उनके पास आज वह करने का मौका है जो महान कप‍िल देव ने लॉर्ड्स में 1983 में तो महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में मुंबई के वानखेडे़ स्टेडियम में किया था।

सेमीफाइनल के प्रदर्शन को दोहराना होगा

सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर मिली रोमांचक जीत ने भारत में फिर से उम्मीदों की लहर दौड़ा दी है। नौ गेंदें बाकी रहते 339 रनों का पीछा करते हुए यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक संदेश था। जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रनों की पारी इतिहास के पन्नों में अमर हो गई, जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 88 गेंदों में 89 रन ठोककर दबाव को चुनौती दी। उनकी 221 रनों की साझेदारी स्कोरबोर्ड से कहीं ज्यादा थी, यह धैर्य, संयम और साहस की मिसाल थी। अब ड्रेसिंग रूम में उत्साह का माहौल है, और यह विश्वास कि रविवार को घरेलू मैदान पर ट्रॉफी उठाई जा सकती है।

स्मृति मंधाना ने इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाए है

बाएं हाथ की स्टाइलिश ओपनर स्मृति मंधाना इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी स्टार रहीं हैं। मंधाना ने 102.37 के स्ट्राइक रेट से आठ मैचों में 55.57 की शानदार औसत से 389 रन बनाए हैं। अगर डीवाई पाटिल पर वह फिर से तूफान मचाती हैं, तो पलड़ा भारत की ओर झुक सकता है।

शेफाली वर्मा के लिए यह टूर्नामेंट का मात्र दूसरा ही मैच होगा, लेकिन वे आक्रामक शुरुआत देने के लिए जानी जाती हैं। वहीं फिनिशर के तौर पर ऋचा घोष किसी भी गेंदबाजी को ध्वस्त कर सकती है। दीप्ति शर्मा की ऑफ-स्पिन कसी हुई लय में बहती है और विविधताएं ओवरों को कातिलाना बनाती हैं। श्री चरणी और क्रांति गौड़ जैसे अनसंग हीरो अनुशासन की मिसाल पेश कर रही हैं। लेकिन फाइनल की गरिमा के लिए एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी भी जरूरी है।

दक्षिण अफ्रीका भी कम नहीं

दक्षिण अफ्रीका की यात्रा भी कम काव्यात्मक नहीं। कभी चोकर्स कहलाने वाली टीम अब आत्मविश्वास की ऊंचाइयों पर है। कप्तान लॉरा वोल्वार्ट इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज हैं। उन्होंने आठ मैचों में 67.14 की बेहतरीन औसत से 470 रन बनाए हैं। ताजमिन ब्रिट्स की निरंतरता और मारिज़ैन काप की जुझारूपन प्रोटियाज की रीढ़ हैं। सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ काप का पांच विकेट हॉल दबाव में झुकने से इनकार का प्रमाण था।

डीवाई पाटिल की पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल

काप और नॉनकुलुलेको म्लाबा के नेतृत्व में गेंदबाजी आक्रमण अनुशासित और घातक है। नादिन डी क्लार्क की अथक मेहनत इसे और मजबूत बनाती है। एक पल में मैच पलटने की क्षमता इनकी ताकत है। डीवाई पाटिल की पिच बल्लेबाजों का स्वर्ग, समान उछाल, सटीक गति और स्ट्रोक्स के लिए जानी जाती है। टॉस जीतने वाला पहले गेंदबाजी पसंद करेगा, यह जानते हुए कि बारिश भी खेल का हिस्सा बन सकती है।

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