Naxalites Surrender: इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर देना है।
Naxalites Surrender: बस्तर संभाग में चल रहे पुनर्वास अभियानों ‘‘पूना मारगेम’’ (नई राह की ओर) और ‘‘लोन वर्राटू’’ (घर वापस आओ) का असर लगातार देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में एक बड़ी सफलता के रूप में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 13 इनामी नक्सली भी शामिल हैं।
आत्मसमर्पण दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय में किया गया, जहां आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप और एसपी गौरव राय की उपस्थिति में यह प्रक्रिया संपन्न हुई। आत्मसमर्पित नक्सलियों में 8 लाख का इनामी केये उर्फ केशा लेकाम, महिला नक्सली सोमे और हिड़मे भी शामिल हैं, जिन पर सुरक्षाबलों को लंबे समय से तलाश थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल आप्स) उदित पुष्कर ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि, कौशल प्रशिक्षण और अन्य लाभ प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर देना है।
पिछले 18 महीनों में ही दंतेवाड़ा जिले में 99 इनामी नक्सलियों समेत कुल 390 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। वहीं, ‘‘लोन वर्राटू’’ अभियान के तहत अब तक 267 इनामी नक्सली समेत कुल 1042 नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं।
Naxalites Surrender: हिंसा का रास्ता छोड़िए, समाज और परिवार की मुख्यधारा से जुड़िए। पुलिस और प्रशासन ने नक्सलवाद से जुड़े अन्य लोगों से भी आत्मसमर्पण कर पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।