
रामेश्वर ने 58, तो लक्ष्मण 92 नक्सलियों को किया ढेर (Photo source- Patrika)
Naxal News: उत्तर बस्तर में नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। इस सफलता के पीछे कुछ ऐसे जांबाज अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना जंगलों में घुसकर नक्सलियों का सफाया किया है। इन्हीं में शामिल हैं इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख, जिन्हें उनकी वीरता के लिए इस साल शौर्य चक्र से सम्मनित किया गया है।
इंस्पेक्टर केवट वर्तमान में कांकेर जिले के पखांजूर थाना में पदस्थ हैं। अब तक वे 36 सफल नक्सल ऑपरेशन लीड कर चुके हैं, जिनमें 92 नक्सलियों को ढेर किया गया है। अप्रैल 2024 में कांकेर जिले में हुए 29 नक्सलियों के एनकाउंटर को उन्होंने लीड किया था। 13 अगस्त 2024 को मानपुर-मोहला क्षेत्र में दो बड़े नक्सली लीडर विजय रेड्डी और लोकेश सलाम को मार गिराने वाले ऑपरेशन में भी केवट ही मुख्य भूमिका में थे।
केवट का नक्सल ऑपरेशन में ट्रैक रेकॉर्ड शानदार रहा है। उनकी रणनीति मौके पर रहकर नेतृत्व करने की शैली और टीम भावना के लिए उन्हें पुलिस महकमे में विशेष पहचान मिली है। उनकी बाइक पर पहले अब तक 83+ लिखा था, लेकिन अब वह संख्या बढ़कर 92 हो गई है। 2012 में उन्होंने बीजापुर जिले में उप निरीक्षक के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की थी।
उस समय नक्सलवाद चरम पर था। लेकिन लक्ष्मण ने हार नहीं मानी और अपने काम से नक्सलियों को करारा जवाब दिया। 2022 में कांकेर में पदस्थ होने के बाद उन्होंने 10 सफल ऑपरेशन में 45 नक्सलियों को मार गिराया। उन्हें अब तक 6 बार राष्ट्रपति पदक, गृह मंत्रालय से दक्षता पदक और अब शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
Naxal News: रामेश्वर देशमुख ने शंकर राव जैसे बड़े नक्सली लीडर समेत कई दुर्दांत नक्सलियों का सफाया किया है। अब उन्हें भी शौर्य चक्र से समानित किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की घोषणा की है। उनका यह भरोसा यूं ही नहीं है। छत्तीसगढ़ पुलिस के इन अधिकारियों को फ्री हैंड दिया गया है, जिससे वे पूरी ताकत से ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।
केवट और देशमुख की वीरता की कहानियां आज बस्तर की जनता, पुलिस बल और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। दोनों अधिकारियों ने यह दिखा दिया कि मजबूत इरादे और सटीक रणनीति से जंगलों में छिपे दुश्मनों को भी मात दी जा सकती है। इंस्पेक्टर रामेश्वर देशमुख फिलहाल भानुप्रतापपुर थाना प्रभारी हैं। उन्होंने अब तक 58 नक्सलियों को मार गिराया है। वे भी 2012 में बीजापुर में सब-इंस्पेक्टर बने थे।
Naxal News: शुरुआत में ही उन्होंने 3 नक्सलियों को मार गिराया और नक्सली नेटवर्क तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। 2015 में उन्हें प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाया गया। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग थानों में नक्सल ऑपरेशन को लीड किया। 2017 में उन्हें पहली बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिला। फिर 2018 में राजनांदगांव ट्रांसफर हुआ।
2022 में जब उन्हें दोबारा बस्तर भेजा गया, तो एक बार फिर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। बांदे थाना जैसे दूरस्थ क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान उन्होंने कई बार अपनी टीम के साथ जंगलों में दिन-रात डटे रहकर ऑपरेशन अंजाम दिए। उन्होंने बताया कि कई बार संचार सुविधा नहीं रहती। सड़कें काट दी जाती थीं। पुल उड़ा दिए जाते थे। टीम ने फिर भी लगातार सफलता पाई।
Published on:
19 Aug 2025 03:04 pm
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