Bhojshala ASI Survey : बेहतर ढंग से सर्वे के लिए जिन जीपीआर और जीपीएस मशीनों का इंतजार लंबे समय से चल रहा था, आज वो मशीनें भोजशाला पहुंच गई हैं।
मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित एतिहासिक भोजशाला ( dhar bhojshala ) वर्सेज कमाल मौला मस्जिद ( kamal mola masjid ) में जारी पुरातत्व विभाग ( Archaeological Department of India ) के सर्वे का 65वां दिन गुजरा। आज खास बात ये रही कि, बेहतर ढंग से सर्वे के लिए जिन जीपीआर ( GPR Machine ) और जीपीएस मशीनों ( GPS Machine ) का इंतजार लंबे समय से चल रहा था, आज वो मशीनें भोजशाला पहुंच गई हैं। मशीने मजदूरों की मदद से भोजशाला लाई गईं। अब मशीनों का इस्तेमाल बारीकी से सर्वे कार्य करने में किया जाएगा और सर्वे की स्पीड में भी बढ़ोतरी होगी। जीपीआर मशीन को चलाने के लिए 4 एक्सपर्ट भी भोजशाला पहुंचे हैं। ये मशीन हैदराबाद से लाई गई हैं। हिंदू पक्षकार लंबे समय से मशीन से सर्वे की मांग कर रहे थे।
आपको बता दें कि, इससे पहले सर्वे के 64वें दिन एएसआई टीम ने उत्तर और दक्षिणी हिस्से में सर्वे किया। इसमें उत्तर की ओर स्तंभों के दो पाषाण अवशेष तथा गर्भगृह से एक अवशेष मिला है। बताया जा रहा है कि उन अवशेषों पर भी भोजशाला के मौजूदा स्तंभों की तरह ही आकृति बनी हुई है। इनके काल की गणना की जाएगी।
बता दें कि इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था। आदेश के अनुसार, जीपीआर और जीपीएस तकनीक सहित वीडियोग्राफी, फोटो ग्राफी सहित अन्य आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने की बात कही गई थी। 4 जुलाई के पहले एएसआई को इंदौर हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपना है।
शनिवार को 40 मजदूरों क साथ साथ सर्वे टीम के 18 अफसर भोजशाला पहुंचे। हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने कहा कि कल (शुक्रवार) सर्वे के 64वें दिन शुक्रवार की नमाज होने से कुछ समय के लिए सर्वे का काम किया गया था। इस दौरान भोजशाला के गर्भग्रह के उत्तरी और साथ ही बाहर दक्षिणी भाग में मिट्टी हटाने का कार्य किया गया। गर्भ ग्रह में कुछ साक्ष्य मिले हैं। जिस पर चिन्ह बना है। साथ ही उत्तरी भाग में भी दो बड़े अवशेष मिले हैं। जिन पर सांस्कृतिक चिन्ह बने हुए हैं। जिन्हें सर्वे टीम द्वारा संरक्षण में ले लिया गया है। सीपीआर मशीन आ जाने से काम में गति आएगी। जो साक्ष्य गर्भ में छिपे हैं। वे भी सामने आएंगे ओर सर्वे को पूरा होगा।