CG Monkey Pox: मंकी पॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कान्स (पीएचईआईसी) घोषित किया है।
CG Monkey Pox: कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। बैठक में मंकी पॉक्स (एमपॉक्स) बीमारी के बारे में जानकारी देकर बताया गया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक भारत सरकार द्वारा 20 अगस्त को मंकी पॉक्स के बचाव व रोकथाम के लिए एडवायजरी जारी की गई है।
मंकी पॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कान्स (पीएचईआईसी) घोषित किया है। कई देशों में संक्रमण के प्रसार को देखते हुए भारत सरकार ने भी सर्विलांस, जांच के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मंकी-पॉक्स का संक्रमण त्वचा में चकत्ते आने के 1-2 दिवस पूर्व से लेकर सभी चकत्तों से पपड़ी के गिरने व समाप्त होने तक मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में फैल सकता है। मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण मुख्य रूप से लार्ज रेस्पिरेटरी सिस्टम के माध्यम से लंबे समय तक संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने से होता है।
मंकी-पॉक्स के प्रत्येक पॉजिटिव मरीज के सभी संपर्क व्यक्ति की पहचान करने के लिए जिला सर्विलेंस अधिकारी के अधीन कांटेक्ट ट्रेसिंग दल का गठन किया जाएगा। संपर्क व्यक्ति को मंकी-पॉक्स मरीज के संपर्क में आने के 21 दिवस तक बुखार या त्वचा में चकत्ते के लिए दैनिक मॉनिटरिंग किया जाएगा। संपर्क व्यक्तियों को 21 दिवस तक ब्लड, ऑर्गन, टिशू, सीमन इत्यादि डोनेशन करने से रोका जाएगा।
मंकी-पॉक्स एक जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में होता है। परंतु वर्तमान परिदृश्य में कुछ अन्य देशों में प्रकरण प्राप्त हो रहे है। मंकी-पॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को सामान्यत: बुखार, चकत्ते व लिम्फ नोड्स में सूजन पायी जाती है। मंकी-पॉक्स संक्रमण के गंभीर प्रकरण सामान्यत: बच्चों में पाए जाते हैं ।जटिलताओं व गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10: प्रतिशत है।