Milk and Heart Attack Risk : अक्सर ये कहा जाता है कि दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाएगा, दिल की बीमारी का खतरा हो सकता है। इसको लेकर वैज्ञानिकों ने शोध भी किया है। आइए, दूध और दिल की बीमारी के रिस्क को समझते हैं।
Milk and Heart Attack Risk : हम दूध स्वस्थ रहने के लिए पीते हैं। पर, कई बार कहा जाता है कि दूध पीने से दिल की बीमारी हो सकती है। इसलिए, गूगल पर इस तरह की बातें सर्च भी की जाती हैं- "क्या दूध पीने से दिल की बीमारी हो सकती है? क्या दिल का मरीज दूध पी सकता है? क्या दिल का मरीज रात में दूध पी सकता है?" इतना ही नहीं, इसको लेकर वैज्ञानिक लंबे समय से शोध भी कर रहे हैं। चलिए, दूध और दिल की बीमारी के रिस्क को साइंस की भाषा में समझते हैं।
लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन करने से दिल की बीमारी/ हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण स्वास्थ्य संस्थान आमतौर पर लो-फैट (कम वसा) या फैट-फ्री दूध पीने की सलाह देते हैं।
साल 2029 - साइंस डायरेक्ट पर प्रकाशित शोध में बताया गया है कि दूध और इससे बने उत्पाद सैचुरेटेड फैटी एसिड (SFA) के मुख्य स्रोत हैं। इन पुरानी सिफारिशों पर सवाल उठ रहे हैं। इस अध्ययन में कई पुराने शोधों, सिस्टेमैटिक रिव्यूज और रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCTs) का गहन अध्ययन किया। ताकि यह पता लगा सकें कि इस बात में कितनी सच्चाई है। वैज्ञानिकों ने ये खोजने का प्रयास किया कि डेयरी उत्पादों से हृदय रोगों और ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल जैसे बायोमार्कर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इसके लिए MEDLINE, EMBASE और Cochrane जैसे बड़े डेटाबेस से अप्रैल 2018 तक के आंकड़ों का उपयोग किया गया।
शोध में पाया गया कि डेयरी उत्पादों के सेवन और हृदय रोगों (CVD, स्ट्रोक आदि) के बीच सीधा संबंध नहीं है। डेयरी उत्पाद दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ाते नहीं हैं, बल्कि कुछ मामलों में कम कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के विश्लेषण से पता चला कि डेयरी उत्पादों के सेवन से सिस्टोलिक/डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर, टोटल कोलेस्ट्रॉल और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
साल 1970-80 : नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन (National Library of Medicine in the United States) पर प्रकाशित शोध के अनुसार भी दूध और उससे बने उत्पाद से दिल की बीमारी का खतरा नहीं बढ़ता है।
फैट की मात्रा को लेकर भी शोध में पाया गया कि चाहे आप रेगुलर फैट (मलाई वाला) दूध लें या लो-फैट, हृदय रोगों का खतरा बढ़ता हुआ नहीं देखा गया। हालांकि, डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक) का कहना है कि पर अधिक फैट नुकसान करता है। इसलिए, साधारण तौर पर बिना मलाई वाले दूध को पीना अधिक हेल्दी हो सकता है।
यह दोनों ही अध्ययन स्पष्ट करता है कि दूध, डेयरी उत्पादों का सेवन दिल की बीमारी के रिस्क को नहीं बढ़ाते हैं।
डिस्क्लेमर - दूध और दिल की बीमारी के बारे में दिए गए तथ्य शोध के आधार पर हैं। पत्रिका इनका दावा नहीं करता है। आप दूध का सेवन एक्सपर्ट की सलाह लेकर कर सकते हैं।