Ram Navami festival: भगवान श्रीराम के प्रति संस्कारधानी के वासियों में अगाध आस्था है। इसका सबूत यहां स्थित भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर हैं।
Ram Navami festival: भगवान श्रीराम के प्रति संस्कारधानी के वासियों में अगाध आस्था है। इसका सबूत यहां स्थित भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर हैं। इन मंदिरों की अलग-अलग महिमा व गाथाएं हैं। रवि पुष्य नक्षत्र के शुभसंयोग में छह अप्रेल को रामनवमी है। मदनमहल का भव्य श्रीराम मंदिर वहां बना है, जहां कभी झोपड़ीनुमा कमरे में रामजी विराजे थे। रामलला मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राचीन व दुर्लभ प्रतिमा विराजमान है। किसी मंदिर में अनूठा रामदरबार सजा है, तो कहीं मंदिर के सामने विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमा विराजमान हैं।
मदनमहल क्षेत्र में 56 वर्ष पहले एक झोपड़ीनुमा कमरे में रखे भगवान श्रीराम के चित्र का क्षेत्रीय लोग पूजन करते थे। इलाके के पंजाबी हिन्दू समुदाय के लोगों ने आपसी सहयोग से रामलला का भव्य मंदिर तैयार किया। अब यह मंदिर श्रीराम प्रकटोत्सव पर बरसों से शहर में निकाली जाने वाली शोभायात्रा की अगुवाई कर रहा है। रामनवमी के उपलक्ष्य में यहां आयोजन किए जा रहे हैं। प्रभातफेरी, अखंड मानस पाठ व भगवान श्रीराम की विशेष आराधना, पूजा का क्रम जारी है। शोभायात्रा निकलेगी।
गौरीघाट के रामलला मंदिर में भी रामनवमी की तैयारी चल रही है। इस प्राचीन मंदिर में श्रीराम भगवान की अनूठी व दर्शनीय प्रतिमा विराजमान है। खास बात ये है कि यहां भक्त भगवान श्रीराम के साथ ही उनके दूत बजरंग बली की भी पूजा प्रमुखता से करते हैं। मंदिर के पुजारी मनोज तिवारी बताते हैं कि गर्भगृह में हनुमान जी की बाल्य स्वरूप में करीब पांच अंगुल बराबर प्रतिमा है। रामनवमी पर यहां भगवान श्रीराम के साथ यहां हनुमानजी का भी विशेष पूजन किया जाएगा।
गढ़ा रामलीला में 14 वर्षों तक भगवान श्रीराम सहित अन्य भूमिकाएं निभाने वाले ब्रजेश मिश्रा ने गढ़ा के मुजावर मोहल्ला स्थित छोटे से मंदिर हनुमानबाग को विशाल और भव्य स्वरूप दे दिया है। संस्कारधानी में यह इकलौता मंदिर है, जहां श्रीराम के राज्याभिषेक के समय लगे रामदरबार की छवि नजर आती है। रामदरबार में श्रीराम, सीताजी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमानजी व अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं एक साथ हैं। रामनवमी के पूर्व यहां नित सुंदरकांड पाठ हो रहा है।
सूपाताल स्थित हनुमान मंदिर में 56 वर्ष से अखंड मानस पाठ चल रहा है। इसकी शुरुआत स्वामी वीरेंद्रपुरी ने अगस्त 1967 में की थी। अखंड मानस पाठ की वजह से क्षेत्रीय लोगों ने मंदिर का नाम ही रामायण मंदिर रख दिया। रामनवमी पर यहां विशेष पूजन, अनुष्ठान, महाआरती व भंडारा होगा। वहीं शहर के राममंदिर त्रिमूर्ति नगर दमोह नाका,राममन्दिर राइट टाउन, राममन्दिर इस्टलैंड खमरिया,राममंदिर आधारताल, राममंदिर धनी की कुटिया आदि मंदिरों में भी आयोजन किए जाएंगे।
जीसीएफ इस्टेट चुंगी चौकी के समीप भव्य राममंदिर स्थित है। मंदिर में श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मी के साथ ही राधा कृष्ण की प्रतिमा भी है। प्रवेश द्वार पर हनुमानजी की विशाल प्रतिमा रक्षक के रूप में विराजित है। मंदिर 86 वर्ष पुराना हैं। इसका निर्माण जीसीएफ फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा किया गया था। रामनवमी के उपलक्ष्य में मन्दिर में अनुष्ठान किये जा रहे हैं। मन्दिर को सजाया जा रहा है।