Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेश की पालना न होने पर अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किए, तब जाकर यू.के. के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट कोर्स कर रहे छात्र को स्कॉलरशिप जारी की गई।
Rajasthan High Court : राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने आदेश की पालना न होने पर अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किए, तब जाकर यू.के. के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट कोर्स कर रहे छात्र को स्कॉलरशिप जारी की गई। अजमेर निवासी आदित्य ने यूके की लीड्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल में एमएससी मैनेजमेंट कोर्स के लिए स्कॉलरशिप का आवेदन किया, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने उसका स्कॉलरशिप का आवेदन निरस्त कर दिया। अधिवक्ता निकिता भंडारी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने 23 मई 2024 को स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया। उसका कोर्स 16 सितंबर 2024 से शुरू होना था। आवेदन के बाद विभाग की और से अलग-अलग समय में जो भी आपत्तियां उठाई गई, याचिकाकर्ता की ओर से उनका निस्तारण कर दिया गया।
6 दिसम्बर 2024 को प्रोविजनल सलेक्शन लेटर जारी ही गया, लेकिन 20 मार्च 2025 को आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया कि उसने कोर्स शुरू होने से एक माह पूर्व अपनी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया। नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति निजी क्षेत्र में कार्यरत है और स्कॉलरशिप चाहता है, तो उसे कोर्स शुरू होने से कम-से-कम एक महीने पहले इस्तीफा देना होता है।
कोर्ट ने माना कि विभाग ने सभी आपत्तियां एक साथ नहीं की इससे देरी हुई। याचिकाकर्ता को बिना गलती ही खामियाजा उठाना पड़ा। कोर्ट ने 14 अगस्त को मौजूदा सत्र के लिए स्कॉलरशिप जारी करने का आदेश दिया, लेकिन विभाग ने जारी नहीं की। छात्र ने अवमानना याचिका दायर की। जिस पर कोर्ट ने विभाग को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न संबंधित अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
विभाग ने 12 सितंबर को कोर्ट में कहा कि हम छात्र को मौजूदा सत्र के लिए स्कॉलरशिप जारी कर रहे हैं। जिसकी पालना में 13 सितंबर को छात्र को स्कॉलरशिप जारी कर दी गई।