जयपुर

Rajasthan News : माइंस विभाग की एकमुश्त समाधान योजना लागू, सिर्फ 10-25 प्रतिशत राशि जमा कराएं, शेष राशि होगी माफ

Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने एकमुश्त समाधान योजना लागू की है। माइंस विभाग की एकमुश्त समाधान योजना 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेगी। इस योजना से हजारों माइनर मिनरल लीजधारक को लाभ मिलेगा।

3 min read

Rajasthan News : राजस्थान में माइनिंग सेक्टर में आधुनिकतम तकनीक के उपयोग और पारदर्शी व्यवस्था के तहत 1 अप्रेल, 2025 से सभी अप्रधान खनिज लीज धारकों को लीज क्षेत्र और उसके पास के 100 मीटर तक के क्षेत्र का ड्रोन या एरियल सर्वें कराकर क्षेत्र के खनिज अभियंता या सहायक खनिज अभियंता के कार्यालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। नई व्यवस्था के तहत ड्रोन/एरियल सर्वें में प्राप्त खनन रिपोर्ट और संबंधित लीजधारक द्वारा पूर्व में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में अंतर आने की स्थिति में राहत देने के लिए राज्य सरकार ने एकमुश्त समाधान योजना लागू की है। माइंस विभाग की एकमुश्त समाधान योजना 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेगी।

एकमुश्त समाधान योजना लागू

प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने परिवर्तित बजट घोषणा में प्रदेश में अप्रधान खनिजों के उत्पादन एवं निर्गमन में वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट की व्यवस्था करते हुए एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि परिवर्तित बजट घोषणा की क्रियान्विति में वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट व्यवस्था लागू करने और इससे होने वाले प्रभाव से खनिज लीज व क्वारी लाइसेंसधारकों को एकबारीय राहत प्रदान करते हुए एकमुश्त समाधान योजना लागू कर दी है।

पारदर्शी व्यवस्था दोनों के लिए होगी लाभदायक

टी. रविकान्त ने बताया कि माइनर मिनरल खानों में वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट व्यवस्था लागू करने से खनन पट्टों के सर्वेक्षण एवं सीमांकन से सामने आने वाली विसंगतियों के कारण होने वाली शास्ति से एकबारीय समाधान के लिए राज्य सरकार ने लीजधारकों को राहत देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू की है। योजना के अनुसार 10 से 25 प्रतिशत राशि ही जमा कराने पर शेष राशि माफ कर दी जाएगी। इसके साथ ही भविष्य के लिए संबंधित लीज का मानक स्तर तय हो जाएगा। जिससे विवाद की स्थिति नहीं रहेगी। पारदर्शी व्यवस्था सरकार और लीजधारक दोनों के लिए लाभदायक हो जाएगी।

इसके आधार पर देय होगी Penalty

प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि संबंधित खनिज धारक द्वारा वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट ड्रोन या एरियल सर्वे द्वारा प्राप्त डेटा संबंधित खनिज कार्यालय में प्रस्तुत किया जाएगा। संबंधित एमई-एएमई द्वारा कार्यालय के दस्तावेजों के अनुसार उसकी जांच कर उत्पादन और निर्गमन का आंकलन किया जाएगा। उसके आधार पर Penalty देय होगी। इससे खनन क्षेत्र की अवैध खनन गतिविधियों का भी एकबारीय समाधान हो सकेगा।

भविष्य के लिए विवाद नहीं रहेंगे - टी. रविकान्त

टी. रविकान्त ने बताया कि कि मुख्यतः तीन तरह के प्रकरण सामने आते हैं। पहले में खनन पट्टा धारक द्वारा अपने अधिकृत क्षेत्र में खनन और निर्गमन के अनुसार कम रवन्ना जारी करना, दूसरे अपने खनन क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्र में निगर्मन का रवन्ना जारी करना और तीसरा अपने क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र में अवैध खनन करना। वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट से खनन लीज क्षेत्र में धारक द्वारा किए गए वैध खनन, अवैध खनन या अन्य क्षेत्र के रवन्ना जारी होने की स्थिति साफ हो जाएगी। इस व्यवस्था की सबसे खास बात यह है कि खनिज लीज धारक द्वारा वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट कराकर प्रस्तुत करने से भविष्य के लिए विवाद नहीं रहेंगे।

लीजधारकों को भी मिल सकेगी राहत

टी रविकान्त ने बताया कि वोल्यूमेट्र्कि एसेसमेंट से खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता, खनन क्षेत्र में लीजधारक या अन्य द्वारा अवैध खनन व निर्गमन पर प्रभावी रोक लग सकेगी। इससे खनिज क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर रोक के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व में छीजत रुकेगी और एकबारीय समाधान योजना से लीजधारकों को भी राहत मिल सकेगी।

नोटिफिकेशन जारी

निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य सरकार ने एकमुश्त समाधान योजना का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे हजारों की संख्या में माइनर मिनरल लीजधारक लाभान्वित हो सकेंगे।

माइनिंग सेक्टर में लगातार सुधार और सरलीकरण

1- राज्य की नई खनिज और एम-सेण्ड नीति जारी।
2- संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को दिए अप्रधान खनिज लीज धारकों की लीज अवधि बढ़ाने के अधिकार।
3- एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी की बिड राशि दस लाख से घटाकर दो लाख की।

Updated on:
07 Dec 2024 04:27 pm
Published on:
07 Dec 2024 04:26 pm
Also Read
View All

अगली खबर