Rajasthan Unique House : राजस्थान में एक अनोखा घर। इस घर की खासियत है कि इस घर का एक कमरा एक जिले में आता है और इसकी दहलीज या चौखट दूसरे जिले में आती है। है न कमाल की बात। बेहद रोचक है यह स्टोरी, पढ़ें।
Rajasthan Unique House : राजस्थान में एक अनोखा घर। इस घर की खासियत है कि इस घर का एक कमरा एक जिले में आता है और इसकी दहलीज या चौखट दूसरे जिले में आती है। है न कमाल की बात। बस एक कदम बढ़ाया और दूसरे जिले में पहुंच गए।
सुर्खियों में रहने वाला यह मामला कुचामन-डीडवाना जिले के त्योद गांव (पहले यह नागौर जिले में था) का है। त्योद गांव में इस अजीबोगरीब मकान के कमरे कुचामन-डीडवाना जिले में आते हैं। पर जैसे ही एक कदम बढ़ाते जयपुर में पहुंच जाते हैं। क्योंकि इस मकान की दहलीज जयपुर जिले में आती है।
प्रशासनिक सीमाओं के इस दिलचस्प उदाहरण की वजह से एक ही घर के रहने वाले लोग अलग-अलग जिलों के नाम से पुकारे जाते हैं। जैसे आधे नागौरी और आधे जयपुरियां। यह मकान कुचामन-डीडवाना जिले के त्योद गांव में स्थित है। त्योद गांव कुचामन-डीडवाना और जयपुर जिले की सीमा पर बसा है।
करीब 15 साल पूर्व मुनाराम चोपड़ा ने एक खेत खरीदा था और उस पर मकान बनवाया। जब मकान बनकर तैयार हुआ तो उसकी स्थिति कुछ इस तरह से बनी की कुचामन-डीडवाना जिले की तरफ कमरे बन गए और मकान की दहलीज जयपुर जिले में खुलती है।
बात यहीं खत्म नहीं होती है। मकान की इस अजीबोगरीब स्थिति की वजह से इसमें रहने वाले लोगों के पते भी अलग-अलग हैं। मुनाराम, सुवाराम और कानाराम तीनों भाई साथ साथ रहते हैं। पर भाइयों के सरकारी दस्तावेज अलग-अलग हैं। मुनाराम के पहचान पत्र और कागजात कुचामन-डीडवाना जिले से जारी हुए हैं। वहीं सुवाराम और कानाराम के सरकारी दस्तावेज जयपुर जिले से जारी हुए हैं। प्रशासनिक सीमाओं की यह एक दिलचस्प और अजब-गजब कहानी है।
परिवार में कोई सरकारी कागजात बनवाना हो तो एक भाई को नावां (नागौर- डीडवाना-कुचामन) जाना पड़ता है और दो भाइयों को सांभर (जयपुर जिला) जाना पड़ता है।
मुनाराम चोपड़ा