जयपुर

जयपुर में शिवमहापुराण कथा रहेगी जारी, खुशी से झूमे श्रोतागण, जानें कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से क्या अपील की

Shiv Mahapuran Katha Update : जयपुर में शिवमहापुराण कथा जारी रहेगी। इस ऐलान के बाद श्रोतागण खुशी से झूम उठे। इसी के साथ कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से एक बड़ी अपील की। जानें क्या कहा?

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Shiv Mahapuran Katha Update : जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित 7 दिवसीय शिवमहापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने मंच से कथा के समापन की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि यजमानों ने सूचना दी है कि कलक्टर ने कथा को विराम देने को कहा है। कथा सुनने के लिए पहुंची भारी भीड़ की सुरक्षा, संभावित अव्यवस्थाओं और अनहोनी की आशंका के चलते लिए गए इस निर्णय के बाद देशभर से कथा सुनने स्टेडियम पहुंचे श्रद्धालुओं में निराशा की लहर दौड़ गई। वहीं, जयपुर कलक्टर जितेन्द्र सोनी ने कथा को रोकने के किसी भी प्रशासनिक आदेश से इनकार किया। पुलिस, जिला प्रशासन और आयोजन समिति के बीच हुई बैठक के बाद पं. मिश्रा ने वीडियो जारी कर कथा को यथावत रूप से जारी रखने की बात कही। उधर, रविवार से कथा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगी।

वीवीआइपी पास की व्यवस्था खत्म

तीसरे दिन शनिवार सुबह दस बजे से ही पांडाल खचाखच भर चुका था। दोपहर एक बजे कथा की शुरुआत होने पर भीड़ बेकाबू होती नजर आई। हालात को भांपते हुए कथावाचक पं. मिश्रा ने दोपहर करीब 3.40 बजे कथा रोक दी। आयोजन समिति के संयोजक राजन शर्मा और सचिव अनिल संत ने कहा कि पं. मिश्रा, आयोजकों और पुलिस के बीच बैठक में व्यवस्थाएं सुधारने और पांडाल बढ़ाने की बात पर सहमति बनी। विधायक बालमुकुंदाचार्य भी पूरे घटनाक्रम में मौजूद रहे। पं. मिश्रा ने वीडियो जारी कर कथा यथावत रूप से जारी रखने की बात कही। उधर, कथा में वीवीआइपी सिस्टम के लिए पास व्यवस्था को खत्म कर दिया गया।

वायरल हो रही पोस्ट

सोशल नेटवर्क पर एक पोस्ट वायरल हुई। इसमें लिखा कि अन्य कारणों से कथा का समापन किया गया। पोस्ट के मुताबिक मिश्रा ने प्रवचन में कहा था कि अगर तुलसी के पौधे की जड़ दिखने लगे तो वह पौधा मर जाता है। वैसे ही लड़कियों की नाभि भी शरीर की जड़ है। उसे वस्त्र (कपड़े) से ढंककर रखना चाहिए। जितना ढंका रहेगा, उतनी सुरक्षा बनी रहेगी।

पुलिस का पर्याप्त इंतजाम, दो शिफ्टों में लगाई ड्यूटी

एडिशनल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि कथा के लिए पुलिस का पर्याप्त इंतजाम किया गया है। कथा में किसी को परेशानी नहीं आए। इसके लिए पांच एसपी, 18 सीनियर आरपीएस अधिकारी और 500 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। पुलिसकर्मी सुबह से लेकर रात तक दो शिफ्टों में ड्यूटी कर रहे है।

पुलिस पर लगाए मनमानी के आरोप

लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस के आलाधिकारी-जवान अपने लोगों को आगे बैठाने के लिए आतुर दिखे। विरोध करने पर गलत बर्ताव भी हुआ। स्टेडियम के आसपास वाली कॉलोनियों के रास्ते बंद करने से भी परेशानी हुई। बेरिकेड्स होने से लोग घरों में कैद हो गए।

व्यवस्थाएं स्टेडियम की क्षमता के अनुसार

मजबूत जर्मन हैंगर, मोजो बैरिकेड के साथ ही मजबूत स्टेज तैयार किया है। ठंडी हवा के लिए पूरे पांडाल में कूलिंग सिस्टम भी लगा था। सभी व्यवस्था स्टेडियम की क्षमता के अनुसार थी।
रवि जिंदल, अध्यक्ष, ऑल इंडिया टैंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन

कथा को नहीं रूकवाया गया

जिला प्रशासन की ओर से कथा को नहीं रूकवाया गया है। मौसम को देखते हुए आयोजकों ने कथा को स्थगित कर दिया था। अब आयोजकों के द्वारा पूरी तैयारियों के साथ कथा फिर से शुरू करवाई जा रही है।
जितेन्द्र सोनी, कलक्टर, जयपुर

‘पांडाल की एक सीमा है’

कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने लोगों से कथा पांडाल नहीं पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं जयपुर और इसके आस पास के इलाकों से आने वाले भक्तों से अपील करना चाहूंगा कि कथा को घर पर बैठकर ही टीवी और मोबाइल पर लाइव सुने। कथा पांडाल की एक सीमा है। आप सभी का भगवान शिव के प्रति अपार स्नेह है।

मेहनत-कर्म से बढ़कर कुछ नहीं - कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा

कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान कभी नहीं कहते कि मैं तुहें सोना, धन व संपदा दे दूंगा। मेहनत और कर्म तो करने ही पड़ेंगे। भगवान शंकर यह दिखाना चाहते हैं कि कर्म से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने चंचला देवी के शिवलोक गमन का प्रसंग भी सुनाया। शिव महापुराण की कथा मोक्ष देने वाली है। इसकी ऐसी महिमा है जहां भोलेनाथ और मां पार्वती स्वयं शिवमहापुराण कथा के दौरान गणगौर के रूप में यजमान बने। राजन शर्मा और सचिव अनिल संत ने बताया कि कथा 7 मई तक परिवर्तित समय के साथ जारी रहेगी। व्यवस्थाओं को बेहतर करने के साथ ही पांडाल का दायरा बढ़ाया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा व भाजपा नेता रामचरण बोहरा भी कथा में शामिल हुए।

Published on:
04 May 2025 09:30 am
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