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Jalore: नहर टूटने से खेतों में भरा पानी, फसल बर्बाद होने के कगार पर, किसानों ने लगाया लापरवाही का आरोप

नर्मदा नहर परियोजना में लगातार लापरवाही के चलते किसानों की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो रही है। नहर टूटने से ग्रामीणों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है और क्षेत्र में आक्रोश फैल रहा है।

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Dec 09, 2025
नहर टूटने से खेत में भरा पानी। फोटो- पत्रिका

हाड़ेचा। नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों और पेट्रोलिंग ठेकेदार की लगातार लापरवाही के कारण क्षेत्र में नहर टूटने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर कई नहरों के टेल क्षेत्रों तक सिंचाई का पानी पहुंच ही नहीं रहा, वहीं दूसरी ओर कई माइनरों में क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते नहरें ओवरफ्लो होकर टूट रही हैं। इसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है, जिनकी फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो रही हैं।

क्षेत्र में नर्मदा नहर परियोजना शुरू होने से किसानों को उम्मीद थी कि अब सिंचाई की समस्या दूर होगी और पैदावार बढ़ेगी, लेकिन पूरी व्यवस्था लापरवाही और अव्यवस्था का शिकार होती दिख रही है। अधिकारियों की अनदेखी और पेट्रोलिंग ठेकेदार की मनमानी के कारण रबी सीजन शुरू होने के बावजूद कई गांवों में अभी तक पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है।

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इसी कड़ी में बालेरा वितरिका से निकलने वाली लालजी माइनर विष्णुनगर सरहद स्थित दो नंबर डिग्गी के पास ओवरफ्लो होकर फूट गई। नहर टूटने से समीपवर्ती किसान पूनमाराम विश्नोई के खेतों में पानी भर गया, जिससे बोई गई रायड़े की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई। किसान का कहना है कि कई बीघा खेतों में पानी भरा हुआ है और फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है।

नहर टूटने से रास्ता भी बाधित

नहर फूटने से उसके पास बना मार्ग भी प्रभावित हुआ है। गहरे गड्ढे के कारण बावरला-काछेला मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया, जिससे ग्रामीणों और किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाहन चालकों को वैकल्पिक रास्ते की तलाश करनी पड़ रही है।

स्थानीय किसान शैतान विश्नोई ने आरोप लगाया कि लालजी माइनर में पेट्रोलिंग ठेकेदार ने जरूरत से ज्यादा पानी छोड़ दिया, जिसके चलते नहर ओवरफ्लो होकर टूटी। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा है।

अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे

ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार सूचना देने के बावजूद कोई भी अधिकारी मौके पर स्थिति का जायजा लेने नहीं पहुंचा और न ही मरम्मत का कार्य शुरू किया गया है। किसानों में आक्रोश व्याप्त है और वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तथा प्रभावित किसान को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो क्षेत्र के किसानों को आगे और बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

इनका कहना

लालजी माइनर से तीन नहरें और निकलती हैं और सभी में एक साथ पानी चल रहा था। इन नहरों की पेट्रोलिंग किसान स्वयं करते हैं। रात होने के कारण संभवतः किसानों का ध्यान नहीं गया और उन्होंने पानी लेना भी बंद कर दिया होगा, जिससे नहर ओवरफ्लो होकर फूट गई। मिट्टी का कार्य जारी है। जल्द ही मरम्मत कर पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।

  • प्रवीण बिश्नोई, कनिष्ठ अभियंता, नर्मदा नहर परियोजना, सांचौर

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