जोधपुर

76 साल की शांतिदेवी बोलीं…जीवन का सबसे बड़ा दिन, 45 पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता

Indian Citizenship : जोधपुर में 45 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता एवं 29 स्वीकृति पत्र दिए। जिसके बाद 76 साल की शांतिदेवी बोलीं-जीवन का सबसे बड़ा दिन है। बाकी सभी भी खुशी से झूम उठे।

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Indian Citizenship : जोधपुर में 45 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता एवं 29 स्वीकृति पत्र दिए। इसके बाद वर्ष 1949 में जन्मी शांतिदेवी की आंखों में आंसू थे… लेकिन ये आंसू खुशी के थे। उन्हें लंबे संघर्ष के बाद भारत की नागरिकता मिली। जब उनके हाथों में उनकी पहचान का दस्तावेज आया तो गला भर आया। मौका था पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता के दस्तावेज और स्वीकृति पत्र प्रदान करने के लिए आयोजित विशेष नागरिकता शिविर का। शांति देवी सबसे वृद्ध नागरिक थीं, जिन्हें उनकी पहचान मिली। वे भावुक हो गई।

जीवन की हर राह आसान हो गई

कार्यक्रम में नागरिकता पाने वाले सभी लोग खुशी से झूम उठे। भारतीय नागरिक होने पर अब उनके जीवन की हर राह आसान हो गई है। जेएनवीयू सभागार में शुक्रवार को राज्यस्तरीय नागरिकता शिविर में 45 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता एवं 29 लोगों को स्वीकृति पत्र दिए गए।

सभी पाक विस्थापितों को बधाई - वनिता सेठ

इस अवसर पर महापौर (दक्षिण) वनिता सेठ ने भारतीय नागरिकता पाने वाले सभी पाक विस्थापितों को बधाई देते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने इन नागरिकों को विश्वास दिलाया कि नगर निगम उनके बेहतर भविष्य के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा।

हरसंभव सुविधा मुहैया कराई जाएगी - संभागीय आयुक्त

संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने प्रदेश में पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की दिशा में किए जा रहे सार्थक प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य सरकार सभी पाक विस्थापितों के अधिकारों और हितों के प्रति पूर्ण सजग है तथा उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन का सदैव यही प्रयास रहता है कि प्राप्त प्रकरणों को नियमानुसार शीघ्र निस्तारित कर हरसंभव सुविधा मुहैया कराई जाए। इसके लिए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध रही है।

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल बोले - 45 संघर्ष की कहानियां

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि यह 45 नागरिकों के साथ-साथ 45 संघर्ष की कहानियां भी हैं जिनमें प्रत्येक कहानी अपने आप में प्रेरणादायक है। उन्होंने संविधान प्रदत्त अधिकारों का बोध कराते हुए कहा कि अधिकारों के साथ अपने कर्त्तव्यों को भी पूरी जिम्मेदारी से निभाने के लिए हमेशा तत्पर रहें।

Published on:
18 Jan 2025 11:10 am
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