CG News: किसान जब दुकानदार के पास अपनी फसल की बीमारी लेकर जाते हैं, तो उन्हें जानकारी के अभाव में ऐसी दवाएं पकड़ा दी जाती हैं, जिनमें दुकानदार को ज्यादा मुनाफा होता है।
CG News: कोंडागांव जिले में खाद बीज के बाद अब बारिश कम होने के साथ-साथ फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए किसान जो कीटनाशक दवाएं खरीद रहे हैं, वे अक्सर नकली निकल रही हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही उनकी फसल भी खराब हो रही है। यह सब कुछ प्रशासन और संबंधित विभागों की मिलीभगत की ओर इशारा हो रहा है, जो इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन नकली और प्रतिबंधित दवाओं की कोई जांच नहीं हो रही है। इससे साफ पता चलता है कि यह गोरखधंधा प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा है। यह मिलीभगत किसानों के लिए घातक साबित हो रही है, क्योंकि वे अपनी फसल और भविष्य दोनों को लेकर चिंतित हैं।
लेकिन मौजूदा स्थिति में इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इस समस्या पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। अगर समय रहते प्रशासन और कृषि विभाग ने कार्रवाई नहीं की तो किसानों का भविष्य और देश की कृषि व्यवस्था दोनों खतरे में पड़ सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वे न केवल नकली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाएं, बल्कि इस काले धंधे में शामिल लोगों पर भी सत कार्रवाई करें।
किसान जब दुकानदार के पास अपनी फसल की बीमारी लेकर जाते हैं, तो उन्हें जानकारी के अभाव में ऐसी दवाएं पकड़ा दी जाती हैं, जिनमें दुकानदार को ज्यादा मुनाफा होता है। लेकिन ये दवाएं काम नहीं करतीं, जिससे किसानों की मेहनत और पैसा दोनों बर्बाद हो जाते हैं। कई किसानों ने यह बताया कि नकली दवाइयां खरीदने के बाद भी उनकी फसल की हालत जस की तस बनी हुई है।
दवा बेचने का अधिकार किसी भी व्यक्ति या दुकान को बिना लाइसेंस के नहीं दिया जाता है। कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत, कीटनाशकों की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यह लाइसेंस सरकार द्वारा नामित अधिकारी जारी करते हैं और इसके लिए विक्रेता को कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है।
लाइसेंस: कीटनाशक बेचने वाले हर विक्रेता के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए।
दस्तावेज: दुकान और विक्रेता को सभी प्रकार के रिकॉर्ड, जैसे- खरीद और बिक्री का ब्योरा, बनाए रखना होता है।
भंडारण: कीटनाशकों को उचित तरीके से स्टोर करना चाहिए ताकि उनका असर खराब न हो और पर्यावरण को भी कोई नुकसान न पहुंचे।
सही जानकारी: दुकानदार को कीटनाशक के उपयोग, मात्रा और सावधानियों के बारे में किसानों को सही जानकारी देनी चाहिए।
CG News: इस गोरखधंधे में एक और खतरनाक पहलू जुड़ गया है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कुछ दवाएं भी खुलेआम ब्लैक में बेची जा रही हैं। ये दवाएं पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। शासन द्वारा छापेमारी न होने के कारण ये दुकानदार बिना किसी डर के इन दवाओं को बेच रहे हैं।
डीपी टांडे, उपसंचालक कृषि: जिले भर में खाद बीज एवं दवाई दुकानों में लगातार टीम बनाकर छापेमारी किया जा रहा है और दुकानों से दवाई का सैंपल लेकर उसकी जांच के लिए भेजा भी जा रहा है, जांच में अमानक दवाइयां की रिपोर्ट आने पर संबंधित दुकानों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।