कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में मारपीट और चाकूबाजी के आरोपों की पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि युवक ने खुद ही चाकू से घाव किया और दूसरे युवक को फंसाने के लिए झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की।
कोटा। कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के बालापुरा इलाके में एक युवक की ओर से लगाए गए मारपीट और चाकूबाजी के गंभीर आरोपों पर पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रारंभिक तौर पर जिस घटना को चाकू से हमला बताया जा रहा था, वह पूरी तरह झूठी निकली। पुलिस के अनुसार घायल युवक ने स्वयं ही अपने शरीर पर चाकू से वार किए और दूसरे युवक को फंसाने के लिए थाने पहुंचकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया।
सीआई मांगेलाल यादव ने बताया कि महेश शाक्यवाल और राजकुमार उर्फ राजू सुवालका दोनों शराब पी रहे थे। इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई, जो धीरे-धीरे झगड़े में बदल गई। शोर-शराबा सुनकर दोनों के परिजन मौके पर पहुंचे और बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया। इसके बाद दोनों को उनके घर भेज दिया गया।
घटना के कुछ समय बाद महेश शाक्यवाल कुन्हाड़ी थाने पहुंचा और आरोप लगाया कि राजू सुवालका और उसके साथियों ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की और चाकू से कई वार किए। उसने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू की और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।
जांच के दौरान सामने आया कि महेश के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में किसी भी व्यक्ति की ओर से चाकू से हमला करते हुए कोई दृश्य कैद नहीं हुआ है। फुटेज में यह भी स्पष्ट हुआ कि झगड़े के बाद दोनों अपने-अपने घर चले गए थे और उसके बाद कोई हमला नहीं हुआ। पुलिस को शक होने पर गहराई से पूछताछ की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि महेश ने खुद ही चाकू से अपने पैर पर घाव किए थे।
मामले को लेकर डीआईजी राजेन्द्र गोयल ने अनंतपुरा में आयोजित प्रेसवार्ता में पूरी घटना का खंडन करते हुए मीडिया को बताया कि चाकूबाजी और मारपीट के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। फरियादी ने झूठी कहानी गढ़कर दूसरे युवक को फंसाने की कोशिश की। फिलहाल पुलिस पूरे घटनाक्रम की कानूनी दृष्टि से जांच कर रही है और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।